चंबा बस हादसा: क्रैश बैरियर नहीं होता तो कई घरों में छा जाता मातम

punjabkesari.in Thursday, Sep 20, 2018 - 01:28 PM (IST)

चंबा (विनोद): छतराड़ी बस हादसा उस समय एक प्रदेश की बड़ी बस दुर्घटना का रूप धारण कर लेता अगर दुर्घटनास्थल पर क्रैश बैरियर नहीं लगा होता। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार जैसे ही बस सड़क से नीचे लुढ़कती हुई आई तो किसी को भी यह उम्मीद नहीं थी कि क्रैश बैरियर सवारियों से भरी बस के लिए वरदान साबित होगा। बस लुढ़कती हुई निचली सड़क के बिल्कुल किनारे पर आ गई और जब ऐसा लगने लगा कि अब बस सीधे नीचे रावी नदी में समा जाएगी तो सड़क के किनारे पर लगे क्रैश बैरियर ने बस की न सिर्फ रफ्तार पर ब्रैक लगा दी बल्कि उसे अपने सहारे रोक लिया। इस बारे में जैसी ही लोगों को मौके पर पता चला तो वे यह कहने के लिए मजबूर हो गए कि वास्तव में यह क्रैश बैरियर अप्रिय घटनाओं को रोकने में कामयाब होते हैं।
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छतराड़ी जातर को देखने के लिए कांगड़ा से लौटे थे लोग
जानकारी के अनुसार इस बस में बुधवार को सवारियों की संख्या इसलिए अधिक थी क्योंकि मंगलवार से छतराड़ी जातर मेला शुरू हुआ है। इस मेले का स्थानीय लोगों में बेहद महत्व है। इसी के चलते छतराड़ी, कूंर व रूणूकोठी क्षेत्र के कई परिवार जोकि कांगड़ा में रहते हैं, इस जातर मेले को देखने के लिए इस बस के माध्यम से बुधवार को आ रहे थे। नए व सुंदर कपड़ों से सजे इन लोगों को इस बात का जारा भी आभास नहीं नहीं था कि वे अपने परिवार के साथ जिन खुशियों के पलों को अपने परिवार व अपने रिश्तेदारों के साथ यादगार बनाने के लिए जा रहे हैं, वे पल उन्हें कभी न भुला पाने वाले जख्म दे जाएंगे। 
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सीमित परिवहन साधनों के चलते भी बस में भीड़ अधिक रहती
स्थानीय लोगों का कहना था कि परिवहन सेवा के मामले में छतराड़ी-कूंर को समिति सुविधा ही प्राप्त है, ऐसे में शाम के समय इस बस का लोगों को अक्सर इंतजार रहता है क्योंकि समय पर घर पहुंचने के लिए यही एकमात्र साधन है। लोगों का कहना है कि लंबी दूरी की बसों को जिला के ऐसे दुर्गम स्थलों पर भेजने का क्या औचित्य है। लोग कई बार चम्बा से छतराड़ी के लिए सीधी बस सेवा की मांग कर चुके हैं लेकिन उन्हें लंबी दूरी की बसों के साथ जोड़ दिया जाता है। 
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