देश को 2025 तक बाल श्रम से मुक्त करेंगे

punjabkesari.in Thursday, Sep 20, 2018 - 12:23 PM (IST)

धर्मशाला: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के विषयक स्पैशल रेर्पोटियर सेवानिवृत्त आई.ई.एस. डा. अशोक साहू ने कहा कि बंधुआ बाल श्रम मामलों को रोकने व देश को बाल श्रम से मुक्त बनाने के लिए मानवाधिकार आयोग द्वारा 2025 तक का लक्ष्य रखा गया है। वह धर्मशाला के परिधि गृह में जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान बोल रहे थे। साहू ने कहा कि इसके तहत पूरे देश को 2 क्षेत्रों उत्तर तथा दक्षिण क्षेत्रों में बांटा गया है और अभी तक 7 राज्यों तथा 2 केंद्र शासित प्रदेशों का दौरा कर फीडबैक प्राप्त कर ली गई है। बैठक के दौरान अशोक साहू ने बताया कि कुछ गैर जिम्मेदार अभिभावकों के कारण कंपनी या उद्योग के मालिकों द्वारा कम लागत में निवेश पर अपने फायदे को बढ़ाने के लिए बच्चों को जबरदस्ती बंधुआ मजदूर बना लिया जाता है।

कई बार बच्चे भी पारिवारिक संसाधनों की कमी के चलते बंधुआ मजदूर बनने को मजबूर हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि चाहे बच्चा गरीब परिवार में जन्मा हो या अमीर परिवार में बचपन सभी बच्चों के जीवन में विशेष और सबसे खुशी का दौर होता है। उन्होंने बताया कि ऐसे में बच्चों को शिक्षित न कर परिवार अपने फायदे के लिए बच्चे को किसी कंपनी में बंधुआ मजदूर बनाए तो यह बहुत गलत है। साहू ने कहा कि बाल श्रम एक सामाजिक समस्या है और सकारात्मक दृष्टिकोण ही इसके उन्मूलन में महत्वपूर्ण भूमिका है। 

उन्होंने आशा व्यक्त की कि बाल श्रम मुक्त समाज के निर्माण के लिए हम सभी एकजुट होंगे। उन्होंने कहा कि हमें जागरूकता शिविर लगाने चाहिए ताकि प्रत्येक व्यक्ति जागरूक बने और बाल मजदूरी समाप्त करने की दिशा में काम करे। अशोक साहू ने जिला के अधिकारियों से इस संदर्भ में चर्चा की तथा और सुझाव भी लिए। डी.सी. कांगड़ा ने भरोसा दिलाया कि जिला में बाल श्रम, बंधुआ मजदूर तथा प्रवासी श्रम को रोकने के पूरे प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने श्रम विभाग के अधिकारियों को प्री-जनमंच अवधि के दौरान संबंधित क्षेत्रों में लोगों को बाल अधिकारों बारे जागरूक करने के लिए विशेष प्रयास करने को कहा। 


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Ekta

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