BJP की लाचारी, जोगिन्द्रा बैंक में कांग्रेस समर्थित उपाध्यक्ष पड़ रहे भारी

punjabkesari.in Thursday, Sep 20, 2018 - 12:05 PM (IST)

सोलन (पाल): जोगिन्द्रा सहकारी बैंक उपाध्यक्ष का पद भाजपा के लिए गले की फांस बन गया है। प्रदेश में भाजपा की सरकार बने हुए 8 महीने हो गए हैं लेकिन जोगिन्द्रा बैंक में अध्यक्ष की कुर्सी मिलने के बाद उपाध्यक्ष की कुर्सी अभी तक नसीब नहीं हुई। इस पर अभी भी कांग्रेस समर्थित सदस्य का कब्जा है। बैंक के नियमों के मुताबिक बैठक में कम से कम 3 निर्वाचित निदेशकों उपस्थिति में ही उपाध्यक्ष को हटा सकते। यही कारण है कि भाजपा उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही है। हालांकि बैंक के निदेशक मंडल में भाजपा समर्थित 3 निर्वाचित निदेशक हैं लेकिन अध्यक्ष न बनाने के कारण 2 नाराज चले हुए हैं। यही कारण है कि यह सदस्य बैंक की अब तक हुई 3 बैठकों में से 2 में उपस्थित ही नहीं हुए हैं तीसरी बैठक में उपस्थित होना अनिवार्य था इसलिए उस बैठक में उपस्थित हुए थे।  

बैंक के निदेशक मंडल में भाजपा समर्थित सदस्यों की संख्या अधिक होने के बावजूद अपना अध्यक्ष बनाने में नाकाम हो जाती यदि कांग्रेस समर्थित अध्यक्ष नैतिकता के आधार पर त्यागपत्र नहीं देते। विदित रहे कि जोगिन्द्रा बैंक के बोर्ड में कांग्रेस व भाजपा के 3-3 निर्वाचित सदस्य हैं। इसके अलावा 4 मनोनीत, एक प्रबन्ध निदेशक व हिमाचल प्रदेश सहकारी बैंक मनोनीत सदस्य इसका मैम्बर है। संख्या बल के हिसाब से भाजपा समर्थित सदस्य की संख्या कहीं अधिक है लेकिन 3 निर्वाचित सदस्यों की उपस्थित की अनिवार्यता अब उपाध्यक्ष को हटाने में रोड़ा बन रही है। भाजपा मनोनीत सदस्य में से ही उपाध्यक्ष बनाने के मूड़ में है जो भाजपा समर्थित दो निर्वाचित सदस्यों को मंजूर नहीं है। पहले उनके हाथ से अध्यक्ष की कुर्सी चली गई अब वे उपाध्यक्ष की कुर्सी जाने नहीं देना चाह रहे हैं। यही कारण है कि वे बैंक की बैठकों में बीच-बीच में ही उपस्थित हो रहे हैं। 


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Ekta

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