ISI जासूस पकड़वाने में मिलिट्री इंटेलीजेंस ने निभाई अहम भूमिका, ऐसे फंसा जाल में

punjabkesari.in Thursday, Sep 20, 2018 - 09:21 AM (IST)

शिमला (राक्टा): साइबर हनी ट्रैप के एक मामले में गिरफ्तार बी.एस.एफ. कांस्टेबल अच्युतानंद मिश्रा की गिरफ्तारी में मिलिट्री इंटेलीजेंस शिमला ने भी अहम भूमिका अदा की। सूत्रों के अनुसार बी.एस.एफ. के उक्त जवान को गिरफ्तार करने वाली ए.टी.एस. और बी.एस.एफ. की टीम में मिलिट्री इंटेलीजेंस शिमला के जासूस भी शामिल थे। इन तीनों एजैंसियों के संयुक्त प्रयासों से ही आई.एस.आई. के लिए जासूसी करने वाले अच्युतानंद मिश्रा को पकड़ने में सफलता मिली है। हनी ट्रैप के इस मामले में गिरफ्तार अच्युतानंद मिश्रा जनवरी, 2016 में फेसबुक के माध्यम से पाकिस्तानी महिला की एक छदम आई.डी. के संपर्क में आया।

इस महिला ने मिश्रा को खुद को डिफैंस रिपोर्टर के रूप में परिचित करवाया और फिर अपनी रसीली बातों में फंसा कर गोपनीय सूचनाएं हासिल कीं। सूत्रों के अनुसार पाकिस्तानी नंबर पर हुई चैट में इस जवान को धर्म परिवर्तन और कश्मीर पर भारत विरोधी बातें कह कर प्रभावित करने का प्रयास किया गया। इन तीनों ही एजैंसियों ने मिश्रा के खिलाफ मोबाइल और फेसबुक से तमाम साइबर साक्ष्य इकट्टे कर लिए हैं, साथ ही इसके द्वारा भेजे गए फोटो और वीडियो को भी हासिल कर लिया गया है। अच्युतानंद मिश्रा को गिरफ्तार करने वाली टीम में पुलिस उपाधीक्षक ए.टी.एस. मनीष सोनकर, निरीक्षक गुलाब शंकर पांडेय और निरीक्षक विश्वजीत सिंह की शामिल हैं।


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Ekta

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