सहकारी बैंक भर्ती केस में नया खुलासा, शिक्षा बोर्ड नष्ट कर चुका है ये रिकॉर्ड

punjabkesari.in Wednesday, Sep 19, 2018 - 08:18 PM (IST)

शिमला (राक्टा): प्रदेश की पूर्व वीरभद्र सरकार के कार्यकाल में राज्य सहकारी बैंक में हुई भर्तियों से जुड़े मामले में नया खुलासा हुआ है। सूत्रों के अनुसार सामने आया है कि हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड धर्मशाला सहकारी बैंक में हुई क्लर्कों की भर्ती से जुड़ी परीक्षा का रिकॉर्ड ही नष्ट कर चुका है और यह पूरी प्रक्रिया नियमों की परिधि में अमल लाई गई है, ऐसे में मामले की जांच में जुटी विजीलैंस के समक्ष नया पेंच फंस गया है। सूत्रों के अनुसार जिस साल बैंक में भर्ती की प्रक्रिया पूरी हुई, उसके एक साल बाद शिक्षा बोर्ड ने परीक्षा का रिकॉर्ड नष्ट कर दिया था, ऐसे में जांच एजैंसी को भाजपा चार्जशीट में लगे आरोप की सत्यता खंगालने के लिए परीक्षा से जुड़ा रिकॉर्ड ही नहीं मिल पाया है।

वीरभद्र सरकार के कार्यकाल में हुईं थीं 4 बार भर्तियां
उल्लेखनीय है कि पूर्व की वीरभद्र सरकार के कार्यकाल में 4 बार राज्य सहकारी बैंक में भर्तियां हुईं थीं। इसकी परीक्षा हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड धर्मशाला द्वारा ली गई थी। हालांकि उससे पहले ऐसी परीक्षाएं आई.बी.पी.एस. मुंबई द्वारा ली जाती थीं। विपक्ष में रहते भाजपा ने पूर्व सरकार पर परीक्षा में कम अंक वालों को साक्षात्कार में अधिक अंकों के साथ गलत तरीके से नौकरी देने का आरोप लगाया था।

कब-कब हुईं भर्तियां
सूचना के अनुसार वर्ष 2016 में 160 और 2017 में 70 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया अमल में लाई गई थी। इसके लिए परीक्षा शिक्षा बोर्ड ने ली और साक्षात्कार बैंक प्रबंधन कमेटी ने लिया था। इसके अलावा वर्ष 2012 में भी 90 पदों के लिए भर्ती हुई थी। इसके साथ ही 2014 में भी कुछ पदों के लिए भर्तियां हुईं।

साक्षात्कार का ही रिकॉर्ड उपलब्ध
सहकारी बैंक में हुई भर्तियों से जुड़े साक्षात्कार का ही रिकॉर्ड उपलब्ध है, जिसे सूत्रों के अनुसार जांच एजैंसी एवीडैंस नहीं मान कर चल रही है। गौर हो कि  साक्षात्कार की वीडियोग्राफी नहीं होती है। हालांकि अब ऐसा प्रावधान किया जा रहा है।

विजीलैंस ने कब्जे में लिया रिकॉर्ड
मामले की जांच के अंतर्गत विजीलैंस ने सहकारी बैंक में क्लर्कों की भर्ती से जुड़ा रिकॉर्ड स्थापना शाखा से कब्जे में लिया है। सूत्रों के अनुसार कब्जे में लिए गए रिकॉर्ड की छंटनी की जा रही है। जांच एजैंसी इसके माध्यम से गैर-हिमाचलियों को नौकरी देने से जुड़ा रिकॉर्ड खंगाल रही है। आरोप है कि पूर्व सरकार में बैंक में हुई भर्तियों के तहत गैर-हिमाचलियों को भी नौकरी दी गई है।

प्रबंधन से लेकर अन्यों को भी लपेटा
भाजपा ने चार्जशीट में आरोप लगाया है कि सहकारी बैंक में हुई भर्तियों के तहत कांग्रेस नेताओं ने अपने रिश्तेदारों और उनके बच्चों को अनियमितताएं बरतते हुए नौकरी दी है। भाजपा ने बैंक प्रबंधन से लेकर बैंक के पूर्व चेयरमैन पर भी निशाना साधा था। ऐसे में देखना होगा कि आगामी दिनों में जांच के तहत क्या उभर कर सामने आता है।

क्या है मामला
जयराम सरकार ने सत्ता संभालने के कुछ माह बाद कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हिमाचल के 3 सहकारी बैंकों में हुई भर्तियों और वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों की जांच विजीलैंस को सौंपने के आदेश जारी किए थे। भाजपा का आरोप था कि भर्तियों में भाई-भतीजावाद हावी रहा और चहेतों को रेवडिय़ों की तरह नौकरियां बांटी गईं।


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Vijay

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