दक्षिण एशिया गरीबी में कमी लाने के मामले में शेष विश्व से आगेः विश्वबैंक

punjabkesari.in Wednesday, Sep 19, 2018 - 04:53 PM (IST)

वाशिंगटनः विश्वबैंक के अनुसार भारत समेत दक्षिण एशियाई क्षेत्र ने अति गरीबों की संख्या में कमी लाने के मामले में शेष विश्व की तुलना में उल्लेखनीय प्रगति की है। हालांकि, अभी भी अपेक्षाकृत गरीबों की बेहतरी के लिए काफी कुछ किए जाने की जरूरत है।

विश्व बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री डीन जोलिफ ने ‘गरीबी एवं साझा समृद्धि: 2018 गरीबी की जटिलता को मिलकर सुलझाना’ रिपोर्ट को पेश किए जाने से पहले बुधवार को कहा कि 1990 से 2015 के बीच में विश्व में अति गरीबी में 25 फीसदी कमी आई है जबकि दक्षिण एशिया में इनकी संख्या 35 फीसदी कम हुई है। यह रिपोर्ट 17 अक्तूबर को प्रकाशित होगी। विश्व बैंक के प्रारंभिक पूर्वानुमान के अनुसार 2018 में भयानक गरीबी कम होकर 8.6 फीसदी पर आ गई है। उन्होंने कहा, ‘‘यदि हम इस अवधि के दौरान दक्षिण एशिया को देखें तो क्षेत्र में भयानक गरीबी की दर 1990 में 47 फीसदी से कुछ अधिक थी जो 2015 में 12 फीसदी के आस-पास रह गई। अत: उसी समय के दौरान दक्षिण एशिया में अत्यधिक गरीबी के दायरे में आने वालों में 35 फीसदी कम आई है।’’

विश्वबैंक के आंकड़ों के अनुसार वैश्विक स्तर पर अति गरीबों की संख्या 2013 के 11 फीसदी की तुलना में कम होकर 2015 में 10 फीसदी रह गई। इससे पता चलता है कि प्रक्रिया की गति धीमी हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘दक्षिण एशिया में अति गरीबी की स्थिति में कमी उल्लेखनीय प्रगति हुई है। इसमें यह कमी शेष विश्व की तुलना में काफी तेज है।’’ जोलिफ ने कहा, ‘‘हमारे पूर्वानुमान के अनुसार 2030 में 85 फीसदी से अधिक अति गरीब उप-सहाराई अफ्रीका में होंगे। इससे पता चलता है कि तब दक्षिण एशिया में अति गरीब लोग काफी कम रह जाएंगे।’’ उन्होंने कहा कि अति गरीबों की संख्या में दक्षिण एशिया में गिरावट जारी रहेगी और ये जल्दी ही एक अंकीय रह जाएंगे।      
 


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Supreet Kaur

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