विलय के बाद भी स्वतंत्र रूप से काम करेंगे बैंक, नहीं जाएगी किसी की नौकरी
punjabkesari.in Wednesday, Sep 19, 2018 - 09:48 AM (IST)
नई दिल्लीः सरकार ने बैंक ऑफ बड़ौदा, विजया बैंक और देना बैंक के विलय का फैसला लिया है। विलय के प्रस्ताव पर अब तीनों बैंकों के बोर्ड विचार करेंगे। इनके विलय से बनने वाला नया बैंक भारत का तीसरा सबसे बड़ा बैंक होगा। इस विलय को फंसे हुए कर्ज की समस्या के दवा के तौर पर देखा जा रहा है। सरकार का कहना है कि तीनों बैंक विलय के बाद भी स्वतंत्र रूप से काम करना जारी रखेंगे और इससे किसी की नौकरी नहीं जाएगी।
कितना होगा कारगर
तीनों बैंकों का विलय कितना कारगर होगा, इसे आप ऐसे समझ सकते हैं। तीनों बैंकों में एन.पी.ए. अनुपात के मामले में देना बैंक की स्थिति सबसे खराब है, जिसके कुल कर्ज का 11.04 प्रतिशत एन.पी.ए. है। तीनों बैंकों के मिलने से जो बैंक बनेगा, उसका बिजनैस 14.82 लाख करोड़ रुपए का होगा। इस बैंक के पास 34 प्रतिशत लो कॉस्ट डिपॉजिट और 12 प्रतिशत का कैपिटल बफर भी होगा। वित्त मंत्री अरुण जेतली ने बताया कि सरकार ने इन बैंकों से मर्जर पर विचार करने को कहा है।
बैंक | टोटल बिजनैस (करोड़ रु.) | डिपॉजिट (करोड़ रु.) | कर्मचारी | नैट एन.पी.ए. (प्रतिशत) | सी.ए.एस.ए. अनुपात (प्रतिशत) |
बैंक ऑफ बड़ौदा | 10,29,810 | 5,81,485 | 56,360 | 5.4 | 35.52 |
विजया बैंक | 2,79,575 | 1,57,325 | 15,875 | 4.1 | 24.91 |
देना बैंक | 1,72,940 | 1,03,020 | 13,440 | 11,04 | 39.80 |
विलय से बना बैंक | 14,82,325 | 8,41,830 | 85,675 | 5.71 | 34.06 |
असर | अच्छा | अच्छा | खराब | अच्छा | अच्छा |
सरकार की योजना-कम मगर वैश्विक स्तर के हों बैंक
सरकार ने विलय का यह फैसला काफी विचार-विमर्श के बाद लिया है। दरअसल सरकार की योजना बैंकों के विलय से वैश्विक स्तर के 4 से 5 बैंक तैयार करने की है। वित्त मंत्री अरुण जेतली कई मौकों पर यह बात दोहरा चुके हैं कि भारत को वैश्विक स्तर के 5 से 6 बैंकों की जरूरत है। एस.बी.आई. में उसके एसोसिएट बैंकों और महिला बैंक के विलय के बाद अब 3 बैंकों के विलय को उसी दिशा में बढऩे का संकेत माना जा रहा है। बता दें कि पिछले साल स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में उसके 5 एसोसिएट बैंकों और भारतीय महिला बैंक का विलय हुआ था, जिससे एस.बी.आई. दुनिया के 50 सबसे बड़े बैंकों की सूची में शामिल हो गया।
सरकार का तर्क
3 बैंकों के ताजा विलय पर सरकार का कहना है कि इससे बनने वाले नए बैंक के कस्टमर बेस, मार्कीट में पहुंच और संचालन में दक्षता बढ़ेगी। इसके अलावा ग्राहकों को अच्छी सेवाएं मिलेंगी। सरकार का कहना है कि बड़े बैंकों को अर्थव्यवस्था से बड़ा लाभ होता है और वे अपनी दक्षता बढ़ाने के लिए आसानी से कॉस्ट कटिंग कर सकते हैं। वित्त मंत्री अरुण जेतली ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि दो बढिय़ा काम करने वाले बैंकों के साथ तीसरे को मिलाने से एक बड़ा बैंक बनेगा, जो टिकाऊ होगा। नए बैंक की कर्ज देने की क्षमता कहीं अधिक होगी।’’