शिमला पहुंची ए.डी.बी. टीम, बागवानी मंत्री ने डी.पी.आर. बनाने का दिया भरोसा

punjabkesari.in Tuesday, Sep 18, 2018 - 10:37 PM (IST)

शिमला: 1688 करोड़ के सब ट्रॉपिकल फ्रूट और 423 करोड़ की मशरूम विकास परियोजना के तहत ऋण मंजूर करने से पहले मंगलवार को ए.डी.बी. (एशियन डिवैल्पमैंट बैंक) की टीम शिमला पहुंच गई है। शिमला पहुंचने के बाद बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने सचिवालय में ए.डी.बी. अधिकारियों के साथ बैठक की। इस मौके पर महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि दोनों परियोजनाओं के तहत प्रदेश में विभिन्न फलों और मशरूम की खेती को प्रोत्साहन दिया जाएगा। इससे न केवल बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा बल्कि किसानों की आय को दोगुना करने में मदद मिलेगी। 1688 करोड़ की परियोजना में बीज से बाजार तक की संकल्पना की गई है।

23 सितम्बर तक हिमाचल के दौरे पर है टीम
ए.डी.बी. की 4 सदस्यीय टीम में मिशन लीडर सनथ रणवाना, लान्स गोरे, सुजैन मार्श तथा कृष्ण सिंह रौटेला शामिल हैं। दोनों परियोजनाओं के व्यवहारिर्यता अध्ययन के लिए टीम 23 सितम्बर तक हिमाचल के दौरे पर है। बागवानी मंत्री बुधवार को ए.डी.बी. टीम के अलावा बागवानी विभाग और नौणी यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों की संयुक्त रूप से बैठक लेंगे। 20 और 21 सितम्बर को ए.डी.बी. टीम बिलासपुर तथा मंडी जिलों में बागवानों और व्यावसायियों से चर्चा करेगी। इसके बाद ए.डी.बी. टीम बैंक को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। इसी रिपोर्ट के आधार पर ए.डी.बी. हिमाचल को लोन मंजूरी करेगा। महेंद्र सिंह ने ए.डी.बी. दल को आश्वासन दिलाया है कि परियोजना की डी.पी.आर. उनके दिशा-निर्देशानुसार तैयार की जाएगी।

नासिक के मॉडल पर कार्यान्वित की जाएगी परियोजना
एकीकृत खुंब विकास परियोजना पर मंत्री ने कहा कि परियोजना नासिक के मॉडल पर कार्यान्वित की जाएगी। राज्य में एक मैगा मशरूम इकाई की स्थापना की जाएगी जबकि राज्य के विभिन्न 7 जिलों में प्रत्येक में एक छोटी इकाई लगाई जाएगी। मंत्री ने कहा कि उपोष्ण कटिबंधीय बागवानी परियोजना को राज्य के 10 जिलों के 54 विकास खंडों में क्रियान्वित किया जाएगा। आरंभ में 27 विकास खंडों में एक साथ कार्य शुरू किया जाएगा। 20,000 हैक्टेयर क्षेत्र में नए बगीचे लगाए जाएंगे और इससे राज्य के 50,000 बागवानी परिवार सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे।


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Vijay

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