मंक डंपिंग साइटों की कमी नदियों व नालों के लिए अभिशाप बनी
punjabkesari.in Tuesday, Sep 18, 2018 - 05:14 PM (IST)
चम्बा : ऐतिहासिक चम्बा नगर व इसके साथ लगते क्षेत्र इन दिनों विकास की रफ्तार पकड़े हुए हैं। ऐसे में निर्माण कार्य चाहे वे सरकारी हो या गैर-सरकारी उनसे निकलने वाले मलबे को ठिकाने लगाने की कोई भी व्यवस्था नहीं होने के चलते लोगों को अपने क्षेत्र के नजदीकी नदी-नालों में उसे खपाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। इसमें कोई दोराय नहीं है कि अवैज्ञानिक ढंग से नदी-नाले में फैंक जा रहे मलबे की वजह से पर्यावरण के साथ-साथ पानी प्रदूषण का खतरा बना हुआ है। यही नहीं वन भूमि को भी इस वजह से काफी नुक्सान पहुंच रहा है। वन विभाग की मेहनत पर पूरा पानी फिर रहा है लेकिन सरकार व प्रशासन ने अभी इस स्थिति पर लगाम कसने के लिए कोई पुख्ता कदम नहीं उठाए हैं।
इतना जरूर है कि प्रशासन भी इस बात को भलीभांति जानता है लेकिन अफसोस की बात है कि उसने भी अभी तक इस बारे कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए हैं। यही वजह है कि नगर व उसके आसपास के नदी-नाले अब मलबे से भर रहे हैं। जिला मुख्यालय की बात करें तो इसके साथ लगते चम्बा-पठानकोट मार्ग पर परेल, चम्बा-भरमौर मार्ग पर करियां व चम्बा-सरोथा मार्ग पर सरोथा नाले में लाखों टन अवैज्ञानिक ढंग से मलबा फैंका हुआ है। इस प्रकार की लापरवाही बारिश के दिनों में कभी भी किसी क्षेत्र के लिए भारी पड़ सकती है।
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