बुधवार को उम्मीदवारों की किस्मत होगी डिब्बे में बंद

punjabkesari.in Tuesday, Sep 18, 2018 - 03:39 PM (IST)

जलालाबाद(सेतिया): जलालाबाद अंदर भले कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवारों द्वारा चुनाव प्रचार के दिनों के ऐडी चोटी का जोर लगाकर आम लोगों को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की सोच पर पहरा देने की कोशिश की गई है परंतु दूसरे ओर कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवारों के लिए अगर सबसे बड़ी समस्या है तो वह उनकी आपसी गुटबाजी ही है क्योंकि कांग्रेस पार्टी के नेताओं को इस बात का भरोसा ही नहीं है कि दूसरा लीडर उसकी दिल से मदद करेगा भी जा नहीं। 

फिलहाल दूसरे ओर अकाली दल के उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में है व वह पिछले 10 सालों दौरान पार्टी प्रधान व हलका विधायक सुखबीर सिंह बादल की अध्यक्षता में हुए विकास कार्यो की दोहाई देकर आम लोगों को अकाली दल के हक में फतवा देने की अपील कर रहे है परंतु चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद 19 सितंबर को जिला परिषद व ब्लाक समिति की वोटें पडऩे जा रही है व इन चुनावों दौरान कांग्रेस पार्टी के प्रांतीय स्पोकसमैन राज बख्श कंबोज की धर्मपत्नी अनुराधा व दूसरे ओर पूर्व चेयरमैन दविंदर सिंह बब्बल की बहू जोकि जिला जिला परिषद की चेयरपर्सन रही है के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है। यही नहीं पूर्व वन मंत्री हंस राज जोशन का पुत्र हरप्रीत सिंह रोजी ब्लाक समिति चुनावों के लिए चुनाव मैदान में है व दूसरे ओर अकाली दल द्वारा गांव चक सोतरियां से ही प्रवीन कुमार जोकि कंबोज बिरादरी से संबंधित है कांटे की टक्कर दे रहा है। जलालाबाद के हलका वासियों की नजरें इन तीन दिगज नेताओं के चुनाव परिणाम पर टिकी है।

वर्तमान समय अंदर कांग्रेसी नेताओं के लिए बड़ी लड़ाई खुद को साबित करने की है व स्टेजों पर भी कुछ कांग्रेस के ही गुट एक दूसरे पर सरेआम आरोप लगा रहे है व यह कह रहे है कि कुछ लोग टिकटें मिलने पर कांग्रेसी हो जाते है व न मिलने की सूरत में आजाद खड़े हो जाते है। ऐसे लोगों को पार्टी का वफादार नहीं कहा जा सकता है तथा यह पार्टी से गदारी कर रहे है। हालांकि जिस व्यक्ति पर आरोप लगाए जा रहे हैं उसके खिलाफ दूसरे कांग्रेस के समूचे गुट एकजुट हो रहे हैं व पार्टी हाईकमान तक पूरी रिपोर्ट भी भेज रहे है क्योंकि इस बार भी उसने अपने चहेतों को टिकट ना मिलने की सूरत में आजाद उम्मीदवार की पीठ थपथपा दी है। 

उधर, हलका इंचार्ज सतिंदरजीत सिंह मंटा की अध्यक्षता में अकाली दल की समूची लीडरशिप ने एकजुट होकर चुनाव प्रचार किया व सरकार न होने के बावजूद भी अकाली दल गत समय दौरान करवाए गए विकास कार्यो के नाम पर लोगों को सुखबीर सिंह बादल के हाथ मजबूत करने का निमंत्रण दिया जा रहा है।


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Vaneet

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