जन्मदिन के खास मौके पर जानें शबाना आजमी के करियर से लेकर उनकी लव स्टोरी तक की कहानी

9/18/2018 1:59:03 PM

मुंबई: बाॅलीवुड एक्ट्रेस शबाना आजमी आज 68 साल की हो गई हैं। शबाना का जन्म18 सितंबर 1950 को हैदराबाद में हुआ। उनकी एक्टिंग ही उन्हें दूसरी अभिनेत्रियों से अलग करती है।

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एक अभिनेत्री होने के साथ-साथ शबानासामाजिक कार्यों में भी अपना समान योगदान दे रही हैं। उनके जन्मदिन के मौके पर हम आज  आपको उनके जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं। 


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कलात्मक माहौल में बीता बचपन


शबाना का जन्म 18 सितंबर, 1950 को उर्दू के प्रख्यात शायर व गीतकार कैफी आजमी और थिएटर अभिनेत्री शौकत आजमी के घर हुआ। शबाना का बचपन कलात्मक माहौल में बीता।

 

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मां से विरासत में मिली अभिनय-प्रतिभा को सकारात्मक मोड़ देकर शबाना ने हिन्दी फिल्मों में अपने सफर की शुरुआत की। शबाना ने 1974 की फिल्म अंकुर से सिनेमा में कदम रखा था। इसके बाद उन्होंने एक के बाद एक कई सारी फिल्मों में बेहतरीन अभिनय किया और लोगों के दिलों में खास जगह बनाई।

 

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लव स्टोरी भी है बहुत खास


शबाना की पहली मुलाकात जावेद अख्तर से उनके घर पर ही हुई थी। उनके पिता से  मिलने के लिए जावेद अख़्तर अक्सर उनके घर आते रहते थे। इसी दौरान दोनों की मुसाकात हुई और दोनों को प्यार हुआ।

 

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दोनों ने शादी का मन भी बना लिया लेकिन जावेद पहले से ही शादीशुदा थे। शबाना के पैरेंट्स को ये अच्छा नहीं लगा, लेकिन शबाना किसी भी हाल में जावेद को अपना बनाना चाहती थीं। जावेद और शबाना एक दूसरे के प्यार में इस कदर पड़ चुके थे कि शबाना घर में बगावत पर भी उतर आईं थीं। वहीं जावेद की भी उनकी पत्नी हनी ईरानी से झगड़े होने लगे।

 

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अंत में इन दोनों ने साल 1972 में शादी की। सूत्रों की मानें तो हनी को जब लगा कि जावेद उनसे बिल्कुल भी प्यार नहीं करते तो उन्होंने जावेद को शबाना के पास जाने को कह दिया। उस वक्त तक फऱहान अख्तर और ज़ोया अख्तर का जन्म हो चुका था। इसके बाद 1984 में जावेद अख्तर और हनी का तलाक हुआ। इसके बाद शबाना के पैरेंट्स इस शादी के लिए राजी हो गए और दोनों शादी के बंधन में बंध गए। शबाना और जावेद के बच्चे नहीं हैं। फरहान और ज़ोया के साथ शबाना की बहुत अच्छी बॉन्डिंग हैं। अक्सर उनको शबाना के साथ स्पाॅट किया जाता है।

 

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दमदार एक्टिंग


शबाना ने केवल  सिनेमा में ही अपना लोहा नहीं मनवाया, बल्कि 'अमर अकबर एंथोनी', 'हनीमून ट्रेवल्स', 'संसार' जैसी व्यावसायिक फिल्मों में भी काम कर अपने हुनर की पूरी छाप छोड़ी।

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अपने फिल्म करियर में शबाना ने श्याम बेनेगल से लेकर सत्यजित रे, मृणाल सेन, अपर्णा सेन जैसे भारत के कई दमदार  निर्देशकों के साथ काम किया
 

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फिल्म 'अंकुर' से किया डेब्यू


मुंबई के सेंट जेवियर्स कॉलेज से मनोविज्ञान में स्नातक की डिग्री लेने के बाद शबाना के फिल्मों में आने की कहानी भी काफी दिलचस्प है। जया भादुड़ी अभिनीत फिल्म 'सुमन' से शबाना इस कदर प्रभावित हुईं कि उन्होंने फिल्मों में आने का मन बना लिया। इसके बाद शबाना ने साल 1974 में  फिल्म अंकुर से सिनेमा में कदम रखा था। 

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राष्ट्रीय पुरस्कार का बनाया है रिकॉर्ड

शबाना आजमी को पांच बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है जो एक रिकॉर्ड है। उन्हें पहली बार 1975 में फिल्म 'अंकुर', फिर 1983 में 'अर्थ', 1984 में 'खंडहर', 1985 में 'पार' और 1999 में फिल्म 'गॉडमदर' के लिए यह सम्मान दिया गया था।

 

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शबाना आजमी को 4 बार फिल्मफेयर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्म फेयर पुरस्कार दिया गया है।

 

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1978 में 'स्वामी', 1983 में 'अर्थ', 1985 में 'भावना' और 1999 में फिल्म 'गॉडमदर' के लिए यह पुरस्कार दिया गया था। साल 1988 में शबाना आजमी को पद्मश्री से भी सम्मानित किया जा चुका है।

 

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सामाजिक काम

शबाना के दिल में उनके पिता द्वारा लिखी पंक्तियों 'कोई तो सूद चुकाए, कोई तो जिम्मा ले/ उस इंकलाब का जो आज तक उधार है..का बहुत असर पड़ा।

 

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इसी जज्बे से प्रेरित शबाना ने समाज के विभिन्न पहलुओं की जटिलताओं को पर्दे पर तो बखूबी दिखाया ही, साथ ही समाज के लिए कुछ करने के जज्बे से समाज सेवा से भी जुड़ीं।

 

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