प्राचीन संस्कृति का उदाहरण बनेगा यह मंदिर
9/17/2018 2:26:28 PM
उज्जैन : महाकाल मंदिर परिसर स्थित पुनर्निर्मित सभा मंडप के आंतरिक हिस्से में श्रद्धालुओं को पारंपरिक संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी। मंडप के आंतरिक हिस्से में सागवान की लकड़ी से प्राचीन, धार्मिक संस्कृति से उकेरा जाएगा। इसके लिए नक्काशकारों से कार्य के प्रस्ताव मांगे जा रहे हैं। नक्काशीदारी में करीब 35 घनमीटर सागवान की लकड़ी का उपयोग होगा। महाकाल मंदिर में कोटितीर्थ के पास पुराने सभामंडप को तोड़कर 1 करोड़ 88 लाख रुपए की लागत से पुनर्निर्मित किया गया है।
सभामंडप के आंतरिक हिस्से को नक्काशीदार लकड़ी से संवारा जाएगा। इसमें प्राचीन, धार्मिक संस्कृति और परंपरा की झलक नजर आएगी। इस माह के अंत तक कार्य शुरू होने की उम्मीद है। सभामंडप में अंदर के हिस्से की साज-सज्जा नक्काशीदार लकड़ी से होगी। इसके बाद भीतर का पूरा भाग लकड़ी से निर्मित नजर आएगा। इसके लिए वुडन क्लोडिंग और सिलिंग का कार्य होगा। पिलरों के आस-पास भी आकर्षक लकड़ी की क्लोडिंग की जाएगी। पूरे सभामंडप को लकडि़यों से कवर किया जाएगा। नक्काशीदार के लिए यूडीए द्वारा वुडन क्लोडिंग और सिलिंग का कार्य करने वालों के प्रस्ताव आमंत्रित किए जा रहे हैं।