रिपोर्ट : झूठा निकला सैरेना का दावा, टैनिस में महिलाओं से ज्यादा पुरुष होते हैं पीड़ित

punjabkesari.in Sunday, Sep 16, 2018 - 07:06 PM (IST)

लास एंजिल्स : पिछले दिनों दिग्गज टेनिस खिलाड़ी सेरेना विलियम्स ने कहा था कि सजा के मामले में दोहरे मानदंड अपनाए जाते हैं लेकिन आंकड़े इसके उलट हैं जिसमें पुरूष खिलाडिय़ों को कोर्ट में आपा खोने और रैकेट तोडऩे के मामले में महिलाओं की तुलना में लगभग तीन गुना ज्यादा सजा मिली है। न्यूयार्क टाइम्स की खबर के मुताबिक 1998 से 2018 के बीच ग्रैंडस्लैम टूर्नामेंटों में पुरूष खिलाडिय़ों पर 1,517 बार जुर्माना लगाया गया है जबकि महिला खिलाडिय़ों पर जुर्माना लगाने के 535 मामले सामने आये हैं। 

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अखबार के द्वारा पिछले 20 साल के दौरान खेले गए 10 हजार से ज्यादा मैचों से जुटाए गए आंकड़ों के मुताबिक रैकेट तोडऩे के मामले में पुरूषों खिलाडिय़ों पर 649 बार जुर्माना लगया गया है जबकि महिलाओं को सिर्फ 99 बार यह सजा दी गई है। इन आंकड़ों में ‘‘असभ्य भाषा’’ के इस्तेमाल करने के मामले में पुरूषों पर 344 बार जुर्माना लगा है जबकि महिलाओं पर 140 बार। इसके साथ ही खेल भावना के विपरीत आचरण करने पर पुरूषों पर 287 मामले दर्ज हुए तो वहीं महिलाओं के 67 मामले सामने आये हैं।

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पिछले सप्ताह सेरेना ने अमेरिकी ओपन के फाइनल में नाओमी ओसाका के खिलाफ मैच के दौरान चेयर अंपायर कार्लेस रामोस के फैसले का विरोध करते हुए उन्हें ‘झूठा’ और ‘चोर’ कह दिया था। उन्होंने मैच के बाद टूर्नामेंट रेफरी को कहा था कि चूंकि मैं महिला हूं, इसलिए आप मेरे खिलाफ फैसला दे सकते हो।’’ मैच के बाद उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ यह सही नहीं है। मैंने पुरूषों को अंपायर से कई बार असभ्य भाषा बोलते हुए देखा है। मैं यहां महिलाओं के अधिकार और बराबरी के लिए लड़ रही हूं। मैंने उन्हें एक गेम छीनकर विरोधी खिलाड़ी को देने के लिए उन्हें चोर कहा, लेकिन मुझे लगा यह लैंगिंग भेदभाव है।’’

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इस दिग्गज खिलाड़ी ने कहा- पुरूष खिलाडिय़ों के चोर कहने पर उन्होंने कभी उनके खिलाफ गेम नहीं दिया। इस फैसले ने मेरे दिमाग को हिलाकर रख दिया था। उन्होंने मैच के दौरान अपना रैकेट भी तोड़ दिया था और यह धमकी दी थी कि पुर्तगाल का यह अंपायर उनके मैच में फिर कभी अंपायरिंग नहीं करेगा। ओसाका से इस फाइनल मैच में सेरेना को 6-2, 6-4 से हराया था। इन आंकड़ों में पुरूषों के खिलाफ ज्यादा मामले इसलिए भी है क्योंकि ग्रैंडस्लैम में उन्हें बेस्ट ऑफ फाइव मैच खेलने होते हैं जबकि महिलाओं को बेस्ट ऑफ थ्री मैच खेलने होते हैं।


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Jasmeet

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