अर्थव्यवस्था के मानक मजबूत, वित्तीय घाटे का लक्ष्य होगा हासिल

punjabkesari.in Saturday, Sep 15, 2018 - 11:49 PM (IST)

नई दिल्लीः सरकार चालू वित्त वर्ष में 3.3 प्रतिशत के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य पर अडिग रहेगी। सरकार को उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष में उसका कर राजस्व बेहतर रहेगा और वह वर्ष के लिये तय विनिवेश लक्ष्य को भी पार कर लिया जायेगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को यह कहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को वित्त मंत्रालय के विभिन्न विभागों के कामकाज की समीक्षा की। इस बैठक के बाद जेटली ने कहा कि सरकार को 2018-19 के बजट में अनुमानित सकल घरेलू उत्पाद की 7.2 से 7.5 प्रतिशत के वृद्धि को पार कर लेने की उम्मीद है। वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘हम राजकोषीय घाटे के लक्ष्य पर कायम रहेंगे।’’ इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पूंजी व्यय के लक्ष्य को भी हासिल किया जाएगा।

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जेटली ने कहा कि आधार बढ़ने से कर संग्रह बेहतर रहेगा और यह संग्रह बजट अनुमान से अधिक रहेगा। उन्होंने कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में चीजें दुरुस्त हो रही हैं। उन्होंने भरोसा जताया कि विनिवेश से एक लाख करोड़ रुपये हासिल करने का लक्ष्य भी पार कर लिया जायेगा। जेटली ने बताया कि बैठक में वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग, वित्तीय सेवा विभाग, राजस्व विभाग, व्यय विभाग तथा निवेश एवं लोक संपदा प्रबंधन विभाग ने अपनी प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि सरकार को विश्वास है कि वित्तीय घाटे का लक्ष्य हासिल कर लिया जायेगा।

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उल्लेखनीय है कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़ने के कारण देश का व्यापार घाटा बढ़ रहा है जो वित्तीय घाटे का लक्ष्य हासिल करने में चुनौति बन सकता है। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से अगस्त तक कुल व्यापार घाटा 80.35 अरब डॉलर रहा है जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 67.27 अरब डॉलर के मुकाबले 19.44 प्रतिशत अधिक है। वित्त मंत्री ने कहा कि विकास की गति बनाये रखने के लिए सरकारी पूँजी व्यय जरूरी है। इस साल 31 अगस्त तक बजट लक्ष्य का 44 प्रतिशत पूँजी व्यय किया जा चुका है और वित्त वर्ष की समाप्ति तक इसका लक्ष्य भी हासिल हो जायेगा। उन्होंने विश्वास जताया कि इस साल जीडीपी विकास दर भी ज्यादा रहेगी।

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वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) तथा नोटबंदी जैसे कालाधन के खिलाफ सरकार के प्रयासों के नतीजे दिखने लगे हैं। राजस्व संग्रह के मामले में हम समयबद्ध लक्ष्य से आगे चल रहे हैं। प्रत्यक्ष कर संग्रह लक्ष्य से ज्यादा होने की उम्मीद है। जीएसटी तथा अप्रत्यक्ष कर संग्रह के मोर्चे पर भी अब स्थिति बेहतर हो रही है और कुल कर संग्रह का लक्ष्य आसानी से हासिल होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि गैर-कर संग्रह में पिछले साल विनिवेश लक्ष्य से ज्यादा रहा था और इस साल भी उम्मीद है कि हम लक्ष्य से ज्यादा विनिवेश कर सकेंगे।

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इससे पहले शुक्रवार को मोदी की अध्यक्षता में इसी तरह की एक बैठक में डॉलर के मुकाबले रुपये में लगातार आ रही गिरावट के कारणों तथा इसे रोकने के उपायों पर चर्चा हुई थी। इसमें रिजर्व बैंक गवर्नर उर्जित पटेल ने प्रस्तुति दी थी। बैठक के बाद जेटली ने बताया था कि रुपये में गिरावट को थामने और चालू खाते का घाटा कम करने के लिए पाँच उपाय किये जायेंगे। इन उपायों में गैर-जरूरी उत्पादों का आयात घटाना और निर्यात बढ़ाना शामिल है।

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हालांकि, आयात कम करने वाले उत्पादों की विस्तृत सूची बाद में तैयार की जायेगी। साथ ही विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के लिए किसी भी एक कॉर्पोरेट समूह में अधिकतम निवेश की 20 प्रतिशत की सीमा समाप्त करने का भी निर्णय लिया गया। चालू वित्त वर्ष के लिए मसाला बांडों को ‘विदहोल्डिंग कर’ से छूट दे दी गयी है। यह कर बांड खरीदते समय लगाया जाता है। साथ ही मसाला बांड के लिए कुछ अन्य नियमों में भी राहत दी गयी है। विनिर्माण कंपनियों को एक साल की अवधि वाले पाँच करोड़ डॉलर तक के ऋण लेने की अनुमति दी गयी है।


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Yaspal

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