खामोशी से टीम में जगह बनाने वाले सरदार ने उसी अंदाज में कहा हाॅकी को अलविदा

punjabkesari.in Saturday, Sep 15, 2018 - 03:34 PM (IST)

नई दिल्लीः भारतीय हाॅकी टीम के पूर्व कप्तान सरदार सिंह ने जिस खामोशी से लगभग 12 साल पहले अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का आगाज किया था उसी खामोशी से उन्होंने इसे अलविदा भी कह दिया। इन 12 वर्षों में सरदार मौजूदा समय के भारतीय हाॅकी के सबसे बड़े सितारों में एक बन कर उभरे। भारतीय हाॅकी का चेहरा होने के साथ-साथ यह करिश्माई मिडफील्डर वैश्विक स्टार भी था। सरदार का सपना 2020 में तोक्यो में होने वाले ओलंपिक खेलों में देश का प्रतिनिधित्व करने का था लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था। 

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एशियाई खेलों में खराब प्रदर्शन के बाद लिया संन्यास
एशियाई खेलों में टीम के खराब प्रदर्शन के बाद 32 साल के इस खिलाड़ी ने अलविदा कहने का मन बना दिया। कई जानकारों को लगता है कि सरदार को इन खेलों में खराब प्रदर्शन के बाद बलि का बकरा बनाया गया और उन्हें संन्यास लेने पर मजबूर किया गया लेकिन इस खिलाड़ी ने माना कि सेमीफाइनल में मलेशिया से मिली हार ने उन्हें संन्यास के बारे में सोचने पर मजबूर किया। सरदार ने कहा, ‘‘मैं खेलना जारी रखना चाहता था और मुझे लगता है कि मैं अभी कुछ साल और खेल सकता था लेकिन मैं मलेशिया से मिली हार को पचा नहीं पा रहा हूं। उस हार के बाद मैं कई दिनों तक सो नहीं पाया। इसके बाद ही मैंने संन्यास के बारे में सोचना शुरू किया।’’

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सरदार ने कई खिताब किए अपने नाम
सरदार ने इस खेल को किसी मंझे हुए खिलाड़ी की तरह खेला और अपनी करियर में कई खिताब जीते। उनकी मौजूदगी में टीम ने इंचियोन एशियाई खेलों (2014) में स्वर्ण के अलावा 2010 और 2018 में कांस्य पदक हासिल किया। उन्होंने दो बार राष्ट्रमंडल खेलों का रजत पदक हासिल किया। इस साल ब्रेडा में चैम्पियंस ट्राफी में टीम ने ऐतिहासिक रजत पदक हासिल किया। इसके अलावा टीम ने उनकी मौजूदगी में एशिया कप का खिताब भी दो बार अपने नाम किया।

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वह 2008 में टीम के कप्तान बने और आठ वर्षों तक टीम की बागडोर संभालने के बाद 2016 में उन्होंने कप्तानी की जिम्मेदारी पीआर श्रीजेश को सौपी। सबसे कम उम्र में टीम की कमान संभालने वाले सरदार सिंह ने 350 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय मैचों में देश का प्रतिनिधित्व किया। फिटनेस के मामले में भी उनका कोई जवाब नहीं था और वह टीम के सबसे फिट खिलाडिय़ों में एक थे। एशियाई खेलों से पहले यो यो टेस्ट में उन्होंने अपने पिछले रिकार्ड में सुधार करते हुए 21.4 अंक हासिल किये थे जो क्रिकेट कप्तान विराट कोहली से भी बेहतर था।
 


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Mohit

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