Kundli Tv- भारत ही नहीं इन देशों में भी अनोखे रूप में विराजमान हैं गणपति

punjabkesari.in Saturday, Sep 15, 2018 - 09:57 AM (IST)

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हिंदू धर्म में श्री गणेश को प्रथम पूज्य देव का दर्जा प्राप्त है। हर शुभ कार्य से पहले गजानन की पूजा का विधान है। भारत में इनके कई मंदिर स्थापित है, जहां इन्हें लंबोदर, गजानन, विघ्नहर्ता के नाम से जाना जाता है। इसके साथ ही विदेशों में भी इनके अनेकों रूपों की पूजा की जाती है। आज हम आपको इनके कुछ मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां भगवान गणेश दुष्टात्माओं से अपने भक्तों की रक्षा करते है। 
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कुछ मान्यताओं के मुताबिक गणेश जी की स्थापना नेपाल में सर्वप्रथम सम्राट अशोक की पुत्री चारुमित्रा ने की थी। गणेश उत्सव के दिन गणपति जी की प्रतिमा की स्थापना के बाद यहां गणेश जी की पूजा-अर्चना बहुत ही उल्लास से की जाती है। यहां के लोगों में गणेशोत्सव का खासा उत्साह देखने को मिलता है। लोक मान्यता के अनुसार श्री गणेश को सिद्धिदाता और संकटमोचन के नाम से पूजा जाता है। एेसी मान्यता है कि  यहां स्थापित गणेश जी उन्हें सभी परेशानियों से बचाते हैं व उन्हें परेशानियों का हल प्रदान करते हैं।


जानें अन्य देशों में किस रूप में पूजे जाते हैं बप्पा 

इंडोनेशिया द्वीप
आपको बता दें की यहां रहने वाले भारतीयों के लिए गणेश जी की प्रतिमाएं विशेष रूप में भारत से मंगाई जाती है। यहां लोग गणेश जी को ज्ञान का प्रतीक मानते हैं। यहां की सबसे खास बात ये गा है कि यहा के 20 हज़ार के नोट पर भी गणेश जी की तस्वीर छपी हुई है।
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तिब्बत 
यहां के लोग गणेश जी की पूजा संकटमोचन के रूप में करते हैं। मान्यता के अनुसार  गणेश जी को दुष्टात्माओं के दुष्प्रभाव से रक्षा करने वाला देवता माना जाता है। 
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थाईलैंड
इस देश में गणपति 'फ्ररा फिकानेत' के रूप में प्रचलित हैं। यहां इन्हें सभी बाधाओं को हरने वाले और सफलता के देवता माना जाता है। नए व्यवसाय और शादी के मौके पर उनकी पूजा मुख्य रूप से की जाती है। गणेश चतुर्थी के साथ ही वहां गणेश जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है।
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श्रीलंका 
कहा जाता है कि श्रीलंका में गणेश जी के कुल14 प्राचीन मंदिर स्थित हैं। कोलंबो के पास केलान्या गंगा नदी के तट पर स्थित केलान्या में कई प्रसिद्ध बौद्ध मंदिरों में भगवान गणेश की प्रतिमाएं स्थापित हैं। तमिल बहुल क्षेत्रों में काले पत्थर से निर्मित भगवान पिल्लयार, गणेश की पूजा की जाती है।
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जापान 
इस देश में भगवान गणेश को 'कांगितेन' के नाम से जाना जाता हैं, जो जापानी बौद्ध धर्म से सम्बंध रखते हैं। कांगितेन कई रूपों में पूजे जाते हैं, लेकिन इनका दो शरीर वाला स्वरूप सर्वाधिक प्रचलित है। चार भुजाओं वाले गणपति का भी वर्णन यहां मिलता है।
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Jyoti

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