Kundli Tv- जानें, कैसे पड़ा गणपति का नाम एकदंत

punjabkesari.in Wednesday, Sep 12, 2018 - 10:30 AM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा (देखें Video)

PunjabKesariगणेश को एक अनार्य देवता माना जाता है क्योंकि उनका शरीर बहुत छोटा है जो यक्षों तथा शिवगणों के समान है। गणेश जी का व्यापक मस्तक ज्ञान का प्रतीक है। भगवान गणेश जी के बड़े-बड़े कान बेहतरीन श्रवण शक्ति के प्रतीक हैं। गणपति जी की छोटी- छोटी आंखें प्रगाढ़ एकाग्रता को दर्शाती हैं। इनकी लंबी सूंड कार्यकुशलता की प्रतीक है। गणेश जी का बड़ा सा पेट दर्शाता है कि जीवन में प्राप्त होने वाली सभी अच्छी-बुरी चीजों को सहजता से ग्रहण किया जाए। गणेश जी की छोटी-छोटी टांगे सहनशीलता और शक्ति की ओर इशारा करती हैं।

PunjabKesari
पौराणिक मतानुसार श्री हरि विष्णु के अवतार परशुराम भगवान शिव से मिलने कैलाश पर्वत पहुंचे परंतु द्वार पर खड़े गणेश ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया। जिस पर परशुराम व गणेश के बीच युद्ध हुआ। जिसमें परशुराम के फरसे के वार से गणेश का एक दांत टूट गया, तभी से गणपती एकदंत कहलाए। एकदंत से शिक्षा मिलती है कि बुरी चीजों को त्याग कर अच्छी चीजों को ग्रहण करें।

PunjabKesari
भविष्य पुराण की कथा के अनुसार बाल्यकाल में गणेश जी बहुत नटखट थे। वह बालपन में अपने भाई कुमार कार्त‌िकेय को बहुत परेशान कर रहे थे। क्रोध में आकर कार्त‌िकेय ने उनका एक दांत तोड़ दिया। जब गजानन भगवान श‌िव के पास शिकायत लेकर गए तो कार्त‌िकेय ने गणेश जी को उनका दांत लौटा दिया, साथ में यह श्राप भी दिया की इस दांत को हमेशा उन्हें अपने हाथ में पकड़े रहना होगा अन्यथा वो भस्म हो जाएंगे।

PunjabKesari
GANESH CHATURTHI 2018 ऐसी सूंड वाले गणेश जी रखें अपने घर (देखें Video)

PunjabKesari


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Niyati Bhandari

Recommended News

Related News