Kundli Tv- गणेश चतुर्थी: ये हैं बप्पा की Favourite dishes
punjabkesari.in Tuesday, Sep 11, 2018 - 11:14 AM (IST)
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गणेश जी को खुश करने का सबसे सस्ता और आसान उपाय है दूर्वा से गणेश जी की पूजा करना। दूर्वा गणेश जी को इसलिए प्रिय है क्योंकि दूर्वा में अमृत मौजूद होता है। शास्त्रों में कहा गया है कि ‘जो व्यक्ति गणेश जी की पूजा दुर्वांकर से करता है वह कुबेर के समान हो जाता है। कुबेर के समान होने का मतलब है कि व्यक्ति के पास धन-धान्य की कभी कमी नहीं रहती।’ इसलिए हर दिन सुबह स्नान पूजा करके गणेश जी को गिन कर पांच दूर्वा यानी हरी घास अर्पित करें। दूर्वा को गणेश जी के मस्तक पर रखना चाहिए। चरणों में दूर्वा नहीं रखें। दूर्वा अर्पित करते हुए मंत्र बोलें- ‘इदं दूर्वादलं ऊं गं गणपतये नम:’।
लाल गुडहल
वैसे तो भगवान गणेश को कोई भी लाल रंग का फूल चढ़ा सकते हैं लेकिन उन्हें लाल रंग का गुडहल का फूल बहुत पसंद है, दूसरा जो भगवान गणेश का सबसे प्रिय फूल है वह है अर्क का फूल, इसके साथ-साथ भारत के कुछ राज्यों में भगवान गणेश को अनार की पत्तियां और फूल भी चढ़ाए जाते हैं।
शमी के पत्ते
शास्त्रों के अनुसार शमी ही एकमात्र पौधा है जिसकी पूजा से गणेश जी और शनि दोनों प्रसन्न होते हैं। ऐसे माना जाता है कि भगवान श्री राम ने भी रावण पर विजय पाने के लिए शमी की पूजा की थी। शमी गणेश जी को अत्यंत प्रिय है। शमी के कुछ पत्ते नियमित गणेश जी को अर्पित करें तो घर में धन एवं सुख की वृद्धि होती है।
चावल के पवित्र दाने
भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए पवित्र चावल अर्पित करें। पवित्र चावल उसे कहा जाता है जो टूटा हुआ नहीं हो। उबले हुए धान से तैयार चावल का पूजा में प्रयोग नहीं करें। सूखा चावल गणेश जी को नहीं चढ़ाएं। चावल को गीला करें फिर ‘इदं अक्षतम् ॐ गं गणपतये नम:’ मंत्र बोलते हुए तीन बार गणेश जी को चावल चढ़ाएं।
माथे पर लगाएं लाल सिंदूर
सिंदूर की लाली गणेश जी को बहुत पसंद है। गणेश जी की प्रसन्नता के लिए लाल सिंदूर का तिलक लगाएं। गणेश जी को तिलक लगाने के बाद अपने माथे पर सिंदूर का तिलक लगाएं। इससे गणेश जी की कृपा प्राप्त होती है। इससे आर्थिक क्षेत्र में आने वाली परेशानी और विघ्न से गणेश जी रक्षा करते हैं। गणेश जी को सिंदूर चढ़ाते समय मंत्र बोलें:
‘सिन्दूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धनम्।
शुभद कामदं चैव सिंदूरं प्रतिगृह्यताम्।।
ओम गं गणपतये नम:।
गणेश जी को भाए मोदक
गणेश जी को प्रसन्न करने का दूसरा सरल तरीका है मोदक का भोग। जो व्यक्ति गणेश जी को मोदक का भोग लगाता है, गणपति उसका मंगल करते हैं। शास्त्रों में मोदक की तुलना ब्रह्म से की गई है। मोदक भी अमृत मिश्रित माना गया है। साथ ही मान्यता है कि गणेश जी का एक दांत परशुराम जी से युद्ध में टूट गया था। इससे अन्य चीजों को खाने में गणेश जी को तकलीफ होती है, क्योंकि उन्हें चबाना पड़ता है। मोदक काफी मुलायम होता है जिससे इसे चबाना नहीं पड़ता । यह मुंह में जाते ही घुल जाता है इसलिए गणेश जी को मोदक बहुत ही प्रिय है।
घी
पंचामृत में एक अमृत घी होता है। घी को पुष्टवद्र्धक और रोगनाशक कहा जाता है। भगवान गणेश को घी काफी पसंद है। गणपति अथर्वशीर्ष में घी से गणेश की पूजा का बड़ा महात्म्य बताया गया है। जो व्यक्ति गणेश जी की पूजा घी से करता है उसकी बुद्धि प्रखर होती है। घी से गणेश की पूजा करने वाला व्यक्ति अपनी योग्यता और ज्ञान से संसार में सब कुछ हासिल कर लेता है।
श्रीफल
श्रीफल दुनिया का सबसे पवित्र और दिव्य फल माना जाता है। गणेश पूजा में श्रीफल जरूर अर्पित करें। श्रीफल अर्पण करने से आपकी गणेश पूजा सफल होगी।
हल्दी
भगवान गणेश को पीला रंग बहुत प्रिय है। साथ ही हल्दी भगवान गणेश की प्रिय वस्तु में से एक है। इसलिए गणेश पूजा में कच्ची हल्दी, पीला धागा, पीला फूल जरूर अर्पण करें। इससे भगवान गणेश की पूजा सफल होती है। यह हल्दी घर की तिजोरी में रखें।
बूंदी के लड्डू
गणेश जी को लड्डू बहुत पसंद है। गणेश पूजा को सफल बनाने के लिए बूंदी के लड्डू का भोग जरूर लगाएं और भक्तों में बांटें खासकर बच्चों को यह लड्डू जरूर खिलाएं।
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