पौराणिक नदी को खोजने के तर्कों की तलाश करती फिल्म है ‘र्सिचंग फॉर सरस्वती’

8/20/2018 7:32:03 PM

मुंबईः ‘‘र्सिचंग फॉर सरस्वती’’ के निर्देशक अमित मधेसिया का कहना है कि उनका वृत्तचित्र हम जिस समय में जी रहे हैं उसकी कहानी बताता है जहां सरकार एक पौराणिक नदी को खोजने के लिए 50 करोड़ रुपये खर्च कर सकती है जबकि वर्तमान समय की नदियां सूख रही हैं। मधेसिया ने कहा कि कांग्रेस हो या भाजपा, निरंतर सरकारें हजारों वर्षों से लुप्त मानी जा रही सरस्वती को खोजने के प्रयास कर रही हैं।

उन्हेांने कहा कि वह तथा सह निर्देशक शिर्ले अब्राहम काफी समय से इस संबंध में गौर कर रहे हैं। उनकी उत्सुकता 2015 में बढ़ गई जब उन्होंने पढा कि हरियाणा के यमुनानगर जिले के मुगलवाली में नदी मिली है। 

मधेसिया ने कहा कि उनके सवाल थे ‘‘आपने नदी को कैसे खोजा?’’ और ‘‘सरकार ऐसी नदी को खोजने का प्रयास क्यों कर रही है जो करीब पांच से आठ हजार सालों पहले लुप्त हो चुकी है।’’ इन बातों की 20 मिनट के इस वृत्तचित्र में चर्चा की गई है। सरस्वती के लिए यह खोज हमारे समय की कहानी बताती है। हम ऐसी चीजें खोजने का प्रयास कर रहे हैं जिनकी हम कल्पना ही कर सकते हैं। हम उन्हें अस्तित्व में लाने का प्रयास कर रहे हैं ताकि हम कह सकें कि हम महान हैं, भारतीय और हिन्दू महान हैं। हमें यह कहने में समस्या नहीं होनी चाहिए लेकिन हमें नई चीजें बनानी चाहिए।’’ 


 


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Pawan Insha


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