कुल्लू में भादों संक्रांति पर देवलुओं ने निभाई सदियों पुरानी यह परंपरा

punjabkesari.in Saturday, Aug 18, 2018 - 01:59 PM (IST)

कुल्लू : देवभूमि कुल्लू में भादों संक्रांति को घाटी के अनेक स्थानों पर सदियों पुरानी अद्भुत परंपरा निभाई गई। देवलुओं ने भेखल की डाली के साथ डायनों को भगाया। यह परंपरा जिला मुख्यालय से सटी खराहल घाटी, ऊझी घाटी, मणिकर्ण घाटी व सैंज आदि जिला के तमाम इलाकों में शाम के समय निभाई गई। लोगों ने घरों के चारों कोनों में भेखल की डाली लगाकर परंपरा का निर्वहन किया। इसके बाद पहले मंदिरों और बाद में घरों में दीये जलाए। देवलुओं के अनुसार पूरे भादों माह में जिला के देव स्थलों में देव आज्ञानुसार सरसों के तेल के दीये जलते रहेंगे। देवलुओं की मानें तो डायनों को भेखल की कांटेदार डाली से मंत्रों के साथ भगाया गया। कई देव स्थलों में सरसों को देवता की घंटी में डाल दिया जाता है और उसके बाद घरों के चारों कोनों में छिड़का जाता है। देवलुओं की मानें तो भादों माह को काला माह के नाम से जाना जाता है। इस दौरान डायनों का सबसे ज्यादा प्रकोप रहता है। डायनों का प्रभाव कम करने के लिए भेखल की डाली से डायनें भगाई जाती हैं। 


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kirti

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