हिमाचली लाल सोने पर अमरीका के सेब का आज भी बना खतरा

punjabkesari.in Saturday, Aug 18, 2018 - 10:37 AM (IST)

 

शिमला : हिमाचली लाल सोने पर अमरीका के सेब का आज भी खतरा बना हुआ है। हालांकि केंद्र ने जून, 2018 में अमरीका सेब पर आयात शुल्क 50 से बढ़ाकर 75 फीसदी की घोषणा जरूर की है लेकिन इसका औपचारिक ऐलान इस साल नवम्बर में जैनेवा में होने वाली डब्ल्यू.टी.ओ. की बैठक के बाद लिया जाएगा। इसमें अमरीका यदि आयात शुल्क खत्म करने का दबाव डालता है तो इससे केंद्र सरकार बेकफुट में आ जाएगी।

इससे हिमाचल के 4500 करोड़ की एप्पल इंडस्ट्री के अलावा उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में सेब को भारी नुक्सान होगा। गौरतलब है कि अमरीका ने इसी साल मार्च में स्टील पर आयात शुल्क बढ़ाकर 25 फीसदी तथा एल्युमीनियम पर 10 फीसदी किया है। इसके बाद मोदी सरकार ने भी अमरीका से भारत के लिए आयात किए जाने वाले सेब समेत 29 उत्पादों पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाई है। प्रदेश के बागवान इसकी अधिसूचना जारी होने का इंतजार कर रहे हैं। अधिसूचना न होने के कारण हाल ही में अमेरीका से सेब के 200 कंटेनर आयात किए गए हैं। इस वजह से हिमाचली सेब के दाम में 500 रुपए प्रति पेटी तक की गिरावट दर्ज की गई है। इसका नुक्सान बागवानों को उठाना पड़ रहा है। शिमला की भट्टाकुफर मंडी में जुलाई माह में उन्नत किस्म का रॉयल सेब अधिकतम 2700 रुपए प्रति पेटी के हिसाब से बिक रहा था,लेकिन इन दिनों 2200 रुपए प्रति पेटी ही बिक पा रहा है, ऐसे में सेब को स्पैशल फ्रूट का दर्जा देकर ही इस उद्योग को उजडऩे से बचाया जा सकता है।

साल 2014 में नरेंद्र मोदी ने भी प्रधानमंत्री बनने से पहले सुजानपुर रैली के दौरान सेब पर आयात शुल्क 50 से 150 फीसदी करने का वायदा किया था लेकिन साढ़े चार साल में मोदी सरकार अपने इस वायदे को नहीं निभा पाई है। हालांकि अमेरीका सेब पर आयात शुल्क में मात्र 25 फीसदी बढ़ौतरी का ऐलान करके सरकार ने वाहवाही जरूर लूटी है लेकिन अमेरीका के अलावा भी 44 अन्य देशों से भारत के लिए सेब आयात किया जाता है, ऐसे में प्रदेश के सेब उद्योग को विशेष फल का दर्जा देने से ही उजडऩे से बचाया जा सकता है।

अमरीकी सेब के आयात से गिरे दाम  
हाल ही में अमेरीका से सेब आयात के कारण दाम में गिरावट दर्ज की गई है। जब तक डब्ल्यू.टी.ओ. की मिनिस्टोरियल बैठक में सेब पर आयात शुल्क बढ़ाने को हरी झंडी नहीं मिल जाती तब तक अमेरीका से पहले की भांति सेब आता रहेगा। प्रदेश के बागवान आज भी सेब को विशेष फल का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं। सेब को विशेष फल का दर्जा मिलने से ही इस उद्योग को उजडऩे से बचाया जा सकता है।


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kirti

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