स्वतंत्रता दिवस पर आपको भी घूमने चाहिए ये 5 ऐतिहासिक शहर

punjabkesari.in Wednesday, Aug 15, 2018 - 11:26 AM (IST)

स्वतंत्रता दिवस के दिन हर किसी को छुट्टी होते है तो क्यों न आप इस दिन को स्पैशल बनाने के लिए कहीं घूमने की प्लानिंग बनाएं। इस दिन आप भारत के ऐसी ऐतिहासिक जगहों की सैर करने जा सकत है जो आपको स्वतंत्रता दिवस यादगार बना देंगी। अगर आप भी स्वतंत्रता दिवस पर फैमिली या फ्रैंड्स के साथ घूमने की प्लानिंग बना रहे है  तो आज हम आपको कुछ ऐतिहासिक शहरों के बारे में बताएंगे, जहां आपका स्वतंत्रता दिवस के दिन जरूर जाकर घूमना चाहिए। 

1. दिल्ली
दिल्ली में कई ऐसी ऐतिहासिक जगहें है जो दुनियाभर में अपने इतिहास के लिए मशहूर हैं। इनमें से दिल्ली का लाल किला, राज घाट, गांधी स्मृति अन्य जगह स्वतंत्रता दिवस पर घूमने के लिए बैस्ट ऑप्शन हैं। हमारे राष्ट्र पिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए राज घाट का ट्रिप काफी अच्छा होगा। यहां आप बिना फीस के सुबह के 6 बजे से लेकर शाम को 7 बजे तक घूम सकते हैं। 

2. अहमदाबाद
अहमदाबाद में स्थित साबरमती आश्रम एक ऐतिहासिक जगह हैं जो अहमदाबाद के समीप साबरमती नदी के किनारे स्थित है। यह जगह स्वतंत्रता आंदोलन के समय की हैं। इसे सत्याग्रह आश्रम भी कहा जाता था। महात्मा गांधी यहां करीब 12 साल तक रहे। आप यहां सुबह 8:30 से लेकर शाम 6:30 तक फ्री में एंट्री कर सकते हैं। 

3. अंडमान द्वीप समूह
‘काला पानी’ यानी अंडमान-निकोबार द्वीप समूह भारत के एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल बन चुका हैं। अंडमान की सेल्युलर जेल की दीवारें, तंग कोठरियां, आजादी के उन सैकड़ों परवानों के दर्द को बयां करती हैं, जिन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के अत्याचार सहे। आपको बता दे कि इस जेल को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया जा चुका है। यहां म्यूजियम 8:45 से लेकर रात के लगभग 12:30 तक खुला रहता है। 

4. इलाहाबाद
चन्द्रशेखर आजाद पार्क महान स्वतंत्रता सैनानी चन्द्रशेखर आजाद को समर्पित है, जिन्होंने अंग्रेजी सेना से लड़ते हुए अपने प्राणों गवा दिए। इस पार्क में अमर शहीद के सम्‍मान के लिए उनकी मूर्ति बनी हुई हैं। इसे अल्‍फ्रेड पार्क भी कहा जाता हैं। 

5. झांसी
उत्तर प्रदेश राज्य के झांसी में बंगरा नामक पहाड़ी पर बसा झांसी का किला हमेशा से टूरिस्टों के आकर्षण का केन्द्र रहा हैं जो  ऐतिहासिक इमारत के रूम मे जाना जाता हैं। 11वीं शताब्दी से 17 वी शताब्दी तक यह बलवंत नगर के चंदेल राजा का गढ़ था। किले का निर्माण 1613 में ओरछा साम्राज्य के शासक और बुंदेल राजपूत के चीफ बीर सिंह देव ने किया था। 1857 में लक्ष्मीबाई ने ही किले की बागडोर अपने हाथ में ले ली। यह किला सुबह के 6 बजे से लेकर शाम के 6 बजे तक खुला रहता हैं। 


 


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Content Writer

Sunita Rajput

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