सिद्धू और इमरान के  ‘कम्फर्ट लैवल’ से संभावनाएं अपार

punjabkesari.in Wednesday, Aug 15, 2018 - 09:06 AM (IST)

जालंधर (खुराना): पड़ोसी देश पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में चंद दिन ही बाकी हैं। ऐसे में जहां पूरे विश्व की निगाहें पाकिस्तान की नई सरकार और उसकी नीति पर लगी हुई हैं वहीं भारत में भी इमरान सरकार को लेकर कई तरह की संभावनाओं पर विचार-चर्चा चल रही है। ज्यादातर कूटनीतिक विशेषज्ञ पाकिस्तान की नई सरकार को भारत के लिए सकारात्मक दृष्टि से देख रहे हैं। 

प्रख्यात क्रिकेटर रहे पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारतीय क्रिकेट टीम के सितारे रहे तथा वर्तमान में पंजाब के लोकल बाडीज मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को अपने शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित करके जहां पुरानी दोस्ती का हवाला दिया है वहीं इस निमंत्रण में इमरान खान की स्पोर्ट्समैन स्पिरिट भी छिपी हुई है। माना जा रहा है कि अगर इमरान की यही स्पोर्टसमैनशिप सरकार चलाने में प्रभावी रही तो भारत सहित अन्य देशों से पाकिस्तान के संबंध सुधर सकते हैं। 

नवजोत सिद्धू की बात करें तो वह भी इस निमंत्रण को अपने 35 साल पुराने दोस्त द्वारा भेजे गए निमंत्रण के तौर पर देख रहे हैं। नवजोत सिद्धू इस सम्भावित मुलाकात को लेकर काफी आशावान हैं और उनका मानना है कि अगर दोनों देशों के बीच सिर्फ बार्डर ही खुल जाए तो 6 महीनों में ही 60 सालों की तरक्की हो सकती है। नवजोत सिद्धू की मानें तो इस भेंट का मकसद फासलों को कम करना, पुल बनना, लोगों को जोडऩा और अमन-अमान कायम करना रहेगा।

कूटनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि इमरान खान और नवजोत सिद्धू के बीच बतौर उच्च श्रेणी के क्रिकेट खिलाड़ी, जो कम्फर्ट लैवल बना हुआ है, उसका लाभ अप्रत्यक्ष रूप से दोनों देशों को मिल सकता है क्योंकि बतौर एक दोस्त नवजोत सिद्धू जिस भाषा में इमरान खान से बात कर सकते हैं, उस भाषा में शायद कोई अन्य राजनीतिज्ञ या उच्च नेता न कर सके। दोनों देशों के बीच अगर संबंध सुधरते हैं तो जहां पाकिस्तान को आॢथक व राजनीतिक दृष्टि से फायदा होगा वहीं भारत को भी पाकिस्तान के जरिए यूरोप तक जाने का मार्ग मिल सकता है। फिलहाल इमरान के शपथ ग्रहण समारोह और नई सरकार के दृष्टिकोण पर भारत-पाकिस्तान के अलावा अमरीका, चीन और रूस की नीतियां भी टिकी हुई हैं। 


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