सरकार ने लिया यू-टर्न, अब BPL परिवारों को नहीं देना पड़ेगा एफिडेविट

punjabkesari.in Tuesday, Aug 14, 2018 - 09:00 PM (IST)

डाडासीबा: प्रदेश सरकार ने बी.पी.एल. परिवारों से एफिडेविट लेने की प्रक्रिया पर फिलहाल रोक लगा दी है। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग ने इस संदर्भ में प्रदेश के समस्त बी.डी.ओ. को इस संदर्भ में निर्देश जारी कर दिए हैं। सरकार के नए दिशा-निर्देशों से पंचायत सचिवों को अवगत करवा दिया गया है। सरकार का कहना है कि बी.पी.एल. परिवारों से एफिडेविट लेने की प्रक्रिया को तुरंत बंद किया जाए। उल्लेखनीय है कि ग्रामीण विकास विभाग ने बी.पी.एल. परिवारों से एफिडेविट लेने संबंधी अधिसूचना हाल ही में जारी की थी परंतु अब सरकार ने बी.पी.एल. परिवारों के विरोध व विपक्ष के दबाव के चलते यू-टर्न लिया है।

विभाग ने पहले दिए थे ये दिशा-निर्देश
विभाग ने इससे पहले अपने दिशा-निर्देशों में साफ  किया था कि बी.पी.एल. परिवार के मुखिया को पंचायत सचिव के पास एक सत्यापित एफिडेविट देना होगा। इस एफिडेविट में जहां मनरेगा के अंतर्गत प्रतिवर्ष बी.पी.एल. परिवार के पात्र सदस्यों को 20 दिन का कार्य करना अनिवार्य बना दिया गया था, वहीं राष्ट्रीय आजीविका मिशन में भी बी.पी.एल. परिवारों की भागीदारी सुनिश्चित करने का प्रावधान था।

एफिडेविट में ये सब लिखना था जरूरी
परिवार के पास 2 हैक्टेयर से ज्यादा जमीन नहीं है। परिवार आयकरदाता नहीं है। परिवार के किसी सदस्य के पास चौपहिया वाहन नहीं है। बी.पी.एल. परिवार का कोई सदस्य सरकारी व गैर-सरकारी नौकरी नहीं करता है। बी.पी.एल. परिवार की मासिक आय 2500 से अधिक नहीं है। बी.पी.एल. परिवार के पास आधुनिक व शहरी प्रकार का बड़ा और पक्का मकान नहीं है। इस तरह का एफिडेविट लेने संबंधी आदेश सरकार द्वारा जारी किए गए थे लेकिन प्रदेश सरकार ने बी.पी.एल. परिवारों से एफिडेविट लेने की प्रक्रिया को फिलहाल बंद कर दिया है।

पंचायत कार्यालय में सादे कागज पर जमा होगा एफिडेविट
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर की मानें तो अब बी.पी.एल. परिवार का मुखिया सादे कागज पर उपरोक्त एफिडेविट पंचायत कार्यालय में जमा करवा सकता है। गौरतलब है कि बी.पी.एल. परिवारों का चयन ग्राम सभा द्वारा किया जाता है, जिसमें सरकार अपने स्तर पर किसी भी प्रकार का आदेश जारी नहीं कर सकती। सरकार द्वारा बी.पी.एल. परिवारों से संबंधित एफिडेविट लेने वाली अधिसूचना पर नजर दौड़ाएं तो उसमें भी साफ  था कि ग्राम सभा ही बी.पी.एल. परिवारों के ऑडिशन व डिलीशन के लिए अधिकृत है।

विपक्ष के नेता ने उठाए थे सवाल
बता दें कि सरकार के नए दिशा-निर्देशों पर विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने सवाल खड़े किए थे और कहा था कि बी.पी.एल. परिवारों के साथ सरकार नाइंसाफी कर रही है। इसके तुरंत बाद सरकार ने एफिडेविट लेने की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Vijay

Recommended News

Related News