लाइसैंस नंबर को गलत बैकलॉग एंट्री करके दूसरे का बना दिया हैवी लाइसैंस

punjabkesari.in Tuesday, Aug 14, 2018 - 03:12 PM (IST)

जालंधर(अमित): परिवहन विभाग के अंदर भ्रष्टाचार के चर्चे किसी से छिपे नहीं हैं। हाल ही में पंजाब केसरी द्वारा परिवहन विभाग के अंदर बहुत बड़े स्तर पर चल रहे फर्जीवाड़े को उजागर किया गया था, जिसमें बताया गया था कि कैसे बिना कोई पुराना लाइसैंस बनवाए एजैंट और निजी कम्पनी के कर्मचारी आपसी सांठ-गांठ से किसी भी व्यक्ति को नया लाइसैंस जारी करवाकर दे रहे हैं। अब उसी जगह से एक बार फिर से हैवी लाइसैंस घोटाले को अंजाम दिए जाने का पता लगा है। इस बार सामने आए घोटाले का लैवल पहले हो रहे फर्जीवाड़ों से कहीं अधिक है। 

‘पंजाब केसरी’ के पास एक ऐसा ही लाइसैंस आया है, जिसकी बैकलॉग एंट्री जालंधर में दर्शाकर नकोदर से लाइसैंस जारी करवा दिया गया है। अगर इस मामले की जांच हो तो बड़े घोटालेबाज फंस सकते हैं। इस बार किसी और के नॉर्मल लाइसैंस नम्बर को गलत ढंग से बैकलॉग एंट्री करके किसी दूसरे व्यक्ति का हैवी लाइसैंस बनाने की बात सामने आई है। इस बार भी पहला लाइसैंस जालंधर से बना हुआ है। मगर हैवी लाइसैंस का प्रिंट नकोदर से निकाला गया है। सूत्रों की मानें तो इस हैवी लाइसैंस का प्रिंट अप्रैल, 2018 में निकाला गया है और इसके लिए 1 लाख रुपए की मोटी राशि वसूली गई है। हालांकि पैसों को लेकर कोई भी कुछ साफ बताने के लिए तैयार नहीं है। मगर इतना तय है कि एक बड़े एजैंट और निजी कम्पनी के कर्मचारी के बीच इस काम को अंजाम देने के बाद मोटी राशि का बंटवारा हुआ है। 

सब-तहसील शाहकोट और फिल्लौर में भी घोटालों की चर्चा
सूत्रों की मानें तो विजीलैंस व अन्य एजैंसियों का सारा ध्यान केवल जालंधर पर केन्द्रित होने की वजह से चालाक एजैंटों व निजी कम्पनी के कर्मचारियों ने सब-तहसील स्तर पर जालसाजियों को अंजाम देना आरंभ कर दिया है। नकोदर की तर्ज पर ही सब-तहसील शाहकोट और फिल्लौर में भी मोटे स्तर पर घोटालों की चर्चा है। आने वाले दिनों में किए जा रहे फर्जीवाड़ों को भी एक्सपोका किया जाएगा। 

दोषी कर्मचारियों को तत्काल सस्पैंड करेंगे : एस.डी.एम. नकोदर
एस.डी.एम. नकोदर राजीव वर्मा ने कहा कि उक्त मामला उनकी ज्वाइङ्क्षनग से पहले का है। इसकी गहन पड़ताल की जाएगी। दोषी कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से सस्पैंड किया जाएगा और साथ ही पर्चे की सिफारिश की जाएगी। 

मामले की होगी जांच : सैक्रेटरी आर.टी.ए.
सैक्रेटरी आर.टी.ए. कमलजीत सिंह ने कहा कि मामले की जांच की जाएगी। अगर कोई भी कर्मचारी दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई के लिए लिखा जाएगा। उन्होंने कहा कि बैकलॉग एंट्री के काम की भी गहन समीक्षा का काम जल्द ही शुरू होने वाला है। 

बैकलॉग एंट्री में खेला जा रहा है सारा खेल
जो हैवी लाइसैंस नकोदर से जारी किया गया है, को जारी करते समय पूरा खेल बैकलॉग एंट्री में ही खेला गया है। किसी शातिर एजैंट द्वारा अपने निजी फायदे के लिए बैकलॉग एंट्री का सहारा लेते हुए उक्त नंबर को दर्ज करके नया लाइसैंस जारी किया गया है। बड़ी हैरानी वाली बात है कि परिवहन विभाग में इतने बड़े स्तर पर जालसाजी जारी है और किसी भी कर्मचारी के खिलाफ कोई ठोस एक्शन नहीं लिया जा रहा। 

क्या है मामला, कैसे दिया गया फर्जीवाड़े को अंजाम?
सूत्रों के मुताबिक असली आवेदक ने अपना लाइसैंस नंबर पीबी-08-20::000:::5 जालंधर (पी.बी. 08) में बनवाया था। मगर कुछ समय पहले शातिर एजैंट और निजी कम्पनी के कर्मचारियों ने अपनी तकनीक का इस्तेमाल करते हुए उक्त व्यक्ति के लाइसैंस नंबर को गलत ढंग से बैकलॉग एंट्री करके किसी अन्य व्यक्ति के हैवी लाइसैंस बनाने के लिए इस्तेमाल कर लिया। 

इस मामले में भी जालंधर से लाइसैंस का डुप्लीकेट पिं्रट निकालने की जगह एस.डी.एम. नकोदर (पी.बी. 33) दफ्तर से ही निकलवाया गया। नियमानुसार अगर कोई लाइसैंस पी.बी. 08 में बनता है तो दोबारा उसे किसी अन्य जगह से रिन्यू या डुप्लीकेट इश्यू नहीं किया जा सकता। कानूनन नकोदर से जारी लाइसैंस जालंधर से बन सकता है, मगर जालंधर से जारी लाइसैंस दोबारा नकोदर से नहीं बनवाया जा सकता। गौर हो कि कुछ समय पहले डी.टी.ओ. दफ्तर जालंधर में हैवी लाइसैंस घोटाले की बात सामने आई थी, जिसमें करोड़ों रुपए का घोटाला किया गया था। 

एक ही नंबर के 2 लाइसैंस लेकर सड़क पर वाहन दौड़ा रहे 2 होल्डर
हैवी लाइसैंस की वजह से मौजूदा समय के अंदर एक ही लाइसैंस नंबर पीबी-08-20::000:::5 के 2 लाइसैंस लेकर 2 अलग-अलग लाइसैंस होल्डर सड़क पर वाहन दौड़ा रहे हैं, जिसमें एक लाईसैंस सही और दूसरा लाइसंैस चाहे विभाग से ही जारी हुआ है। मगर उसे एक तरह से जाली लाइसैंस (जुगाड़ लाइसैंस) की कैटेगरी में ही गिना जाएगा। 


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