कॉल सैंटर व आईलैट्स कोचिंग इंस्टीच्यूट भी आएंगे जी.एस.टी. के दायरे में

punjabkesari.in Tuesday, Aug 14, 2018 - 11:51 AM (IST)

अमृतसर(इन्द्रजीत): सरकार ने रैवेन्यू बढ़ाने के लिए कुछ और वर्गों को भी जी.एस.टी. के दायरे में लेने का निर्णय लिया है। इसके तहत अब उन लोगों पर भी जी.एस.टी. लगेगा, जो पहले इस दायरे में नहीं थे। इनमें मुख्य तौर पर जी.एस.टी. की सर्विस टैक्स की दरें लगेंगी।

गुड्स एंड सर्विस टैक्स में गुड्स टैक्स उस चीज पर लिया जाता है, जिसमें किसी चीज की खरीद-फरोख्त होती है, जबकि सॢवस टैक्स इससे अलग है, इसमें वे वर्ग आते हैं, जो अपनी सॢवस देकर मुनाफा कमाते हैं। इस संबंध में जी.एस.टी. विभाग ने इसकी पूरी तरह से तैयारी शुरू कर दी है। नए समय में कॉल सैंटर व आईलैट्स कोङ्क्षचग में काफी लोग आ चुके हैं, इसमें पहले वैट की धाराएं नहीं लगती थीं लेकिन जी.एस.टी. लागू होने के उपरांत अब सरकार ने इन लोगों को भी जी.एस.टी. को दायरे में लेने की तैयारी कर ली है। 

20 लाख से ज्यादा सेल पर लेना होगा जी.एस.टी. नंबर
जी.एस.टी. कानून के मुताबिक सेल के सबसे नीचे वाले वर्ग, जिनकी सेल 20 लाख अथवा इससे नीचे आती है, टैक्स के दायरे में नहीं आते किन्तु विभाग को सूचनाएं मिल रही हैं कि बड़ी संख्या में लोग ऐसे हैं, जिनकी सेल 1 करोड़ अथवा इससे भी अधिक है किन्तु वे जी.एस.टी. का नंबर नहीं ले रहे और विभाग की हर तरह की चैकिंग से बच जाते हैं। 

नियमों के मुताबिक जिस व्यक्ति के पास जी.एस.टी. नंबर नहीं है, वह अपना पैन कार्ड देकर दूसरे प्रदेशों से माल का आयात कर सकता है, लेकिन 20 लाख से ऊपर जाने पर उसे जी.एस.टी. नंबर लेना पड़ेगा, किन्तु देखने में आया है कि कई लोग जब यह देखते हैं कि उनकी परचेज 20 लाख से अधिक जा रही है तो वे अपने किसी पारिवारिक सदस्य के पैन नंबर पर माल खरीद लेते हैं और जी.एस.टी. की चैकिंग से बच जाते हैं, किन्तु अब विभाग इन पर भी निगरानी रखेगा और सर्वे में उनकी लिस्टें सरकार को भेजी जाएंगी। 

इमारतों के किराए 
एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग ने इस कड़ी में उन लोगों को भी वॉच करना शुरू कर दिया है जो अपनी इमारतों का किराया लेते हैं। हालांकि इसमें सीमा निश्चित नहीं की गई किन्तु इनका सर्वे होना शुरू हो गया है।

टैक्स के दायरे में सॢवस टैक्स के अंतर्गत आने वाले लोगों का सर्वेक्षण जारी है और विभाग की टीमें विभिन्न क्षेत्रों में जाकर सर्वे कर रही है कि कहीं कोई व्यक्ति कानून द्वारा दी गई राहत का गलत इस्तेमाल तो नहीं कर रहा। इसके लिए 20 लाख से कम क्षेत्र में आने वाले व्यापारी और सॢवस टैक्स के बीच आने वाले लोगों पर विभाग अपनी रिपोर्ट तैयार कर रहा है। इन रिपोर्टों के आधार पर सरकार उन लोगों को जी.एस.टी. नंबर जारी करेगी। -अमनदीप कौर, असिस्टैंट कमिश्नर एक्साइज एंड टैक्सेशन अमृतसर-1।


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