पट्टा-चक्की पड़ाव मार्ग बाढ़ में बहा, दर्जन से अधिक गांव कटे

punjabkesari.in Tuesday, Aug 14, 2018 - 09:46 AM (IST)

पठानकोट (कंवल, आदित्य,शारदा): रात भर हुई लगातार मूसलाधार बारिश ने जहां जनजीवन अस्त-व्यस्त करके रख दिया है, वहीं कई गांवों के लिंक मार्ग या तो ध्वस्त या फिर कई पहाड़ों का मलबा गिरने से बंद हो गए, वहीं चक्की में आई बाढ़ में एक युवक की स्कूटी भी बह गई।

इस भारी बरसात ने धारकलां अधीन गांव पट्टा सहित करीब दर्जन भर गांवों को पठानकोट-मनाली मुख्य मार्ग से जोडऩे वाली पट्टा-चक्की (हरियाल) की एकमात्र सड़क को अपनी चपेट में ले लिया और सड़क का एक बड़ा भाग नदी में तबदील हो गया, जिससे गांव पट्टा सहित ढाका, पट्टा, समठेड़, बरोह, बरन, नारायणपुर, मंगनी, मंगनेत, नई बस्ती, नवां गांव आदि गांवों का सम्पर्क लगभग टूट कर रह गया है। इस मार्ग पर गांव हाड़ा के दोनों और बारिश के कारण पहाड़ का मलबा गिरने से भी रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया। 

मौके पर जाकर एकत्रित की जानकारी अनुसार गांव हाड़ा के निकट विभिन्न 2 स्थानों पर पहाड़ी का भारी मलबा गिरने से सड़क बंद हो चुकी थी। किसी तरह पैदल निकल कर आगे गए तो गांव सुखनियाल व गांव ढाका के बीच बहते बरसाती नाले में बाढ़ आने के कारण नाले ने भयानक नदी जो उफान पर हो जैसा रुख अख्तियार कर रखा था, जिसके पानी के तेज बहाव ने सड़क का एक बड़ा-सा भाग बहा कर सड़क का नामोनिशान मिटा दिया। बरसात के पानी के तेज बहाव ने मुख्य मार्ग से जोडऩे वाली इस सड़क को इतनी बुरी तरह बर्बाद किया है कि कई जगह से तो सड़क का नामोनिशान तक मिट गया है। इससे उक्त गांवों का मुख्य मार्ग से सम्पर्क पूरी तरह से टूट गया। रोजाना आने-जाने वाले लोगों के लिए भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा क्योंकि न तो कोई उस पार जा सका और न ही इस पार आ सका। 

पूर्व सरपंच रोशन लाल, रोहित कुमार, गोल्डी पठानिया, बिट्टू पठानिया, मक्खन शर्मा, अशोक शर्मा, सुरिंद्र कुमार, बलदेव राज, सुरजीत सिंह, मोहिंद्र सिंह, कुलदीप सिंह, कमल कुमार शर्मा, रामेश्वर सिंह, अशोक कुमार आदि ने बताया कि इस बरसाती नाले पर स्थायी पुल बनाने के लिए लम्बे समय से लोगों की प्रथम मांग होने के बावजूद न तो किसी राजनीतिक नेता ने इस ओर ध्यान दिया और न ही प्रशासन ने ही कोई कार्रवाई की। हाल ही में सहायक जिलाधीश द्वारा मौका देखने के बाद पुल बनाने का आश्वासन दिया था। मगर मंडी बोर्ड के अधिकारियों ने पुल बनाने से इंकार कर दिया और आनन-फानन में जे.सी.बी. द्वारा पास ही से मलबा डाल कर अस्थायी रूप में रास्ता चालू कर लोगों की आंखों में धूल झोंकने की कोशिश की गई थी जो इस बाढ़ ने नाकाम कर दी है।  


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