Kundli Tv- सावन में भगवान शंकर की पूजा ही नहीं, इनकी पूजा भी देती है दोगुना फल

punjabkesari.in Monday, Aug 13, 2018 - 01:53 PM (IST)

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ये तो सबको पता ही होगा कि भगवान शंकर ने श्रीराम को अपने प्रभु का दर्जा दिया है। वहीं भगवान राम शिव जी को अपना सब कुछ मानते हैं। इसलिए शास्त्रों में कहा गया है कि अगर कोई शिव भक्त श्रीराम की पूजा करता है तो शिव शंकर उससे शीघ्र प्रसन्न होते हैं। अगर राम भक्त शंकर की आराधना करता है तो श्रीराम खुश होकर उसके सारी मुसीबतों को हर लेते हैं। सावन में भगवान शंकर का पूजन तो फलदायी माना है जाता है। लेकिन अगर इस महीने में श्रीराम की पूरी श्रद्धा से भक्ति की जाए तो भोलेनाथ अधिक प्रसन्न होते हैं। क्योंकि शास्त्रों के अनुसार जगतप्रभु शिव जी श्रीराम को अपना अराध्य मानते हैं। सावन में भगवान राम का नाम जपने के भी लाभ हैं। राम नाम जपेंगे, तो जीवन में सुख आएगा और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी। 
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प्राचीन मान्यतानुसार, सावन माह मुख्यतः देवों के देव महादेव शिव की पूजा-आराधना के लिए सर्वाधिक उपयुक्त माना गया है। भगवान शिव को आराध्य मानकर भक्त सावन मास में पूरे मनोयोग से जप-तप और आराधना करते हैं।

‘‘राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे। सहस्त्र नाम तत्तुल्यं राम नाम वरानने।।’’
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शंकर-पार्वती संवाद के अनुसार, राम नाम विष्णु सहस्त्रनाम के समान फलदायी है। सावन के मंगलवार तथा शनिवार को गणेश वंदना, शिवोपसाना के साथ राम नाम लिखने से हनुमत कृपा भी प्राप्त होती है। शनि, राहु, केतु जैसे अनिष्ट ग्रहों की पीड़ा से बचने के लिए सबसे सरल, सहज और व्यय शून्य उपाय है, राम नाम लेखन। लाल रंग की कलम से कम से कम 108 बार राम नाम लिखना चाहिए अथवा 108 के ही क्रम में 1008 इत्यादि बार लिखें। सावन के महीने में जो श्रीराम की पूजा करता है, वह भी शिवजी को ही प्राप्त होती है।
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जब हनुमान जी राम जी को ध्याते हैं, तो वह पूजा भी शिव को ही समर्पित हुई। अगर राम नाम के लिखित जप के दौरान कम से कम 108 मनकों की माला फेरी जाए, तो वह शिव के खाते में ही जाती है और हमारा पुण्य खाता बढ़ता है। वैसे भी कहा गया है, ‘‘कलयुग केवल नाम अधारा, सुमिर सुमिर नर उतरहिं तारा’’, के आधार पर मानव को भगवान का सुमिरन और भजन अवश्य करना चाहिए।
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इसके साथ ही गरीबों की मदद का संकल्प लेना चाहिए। राम नाम की महिमा तो हर युग में रही है, लेकिन कलयुग में तो कुछ खास ही है। जप-तप, योग-जुगत के सारे पराक्रम राम नाम में समाए हैं। राम नाम को महामंत्र राज कहा गया है, तनावरहित जीवन व्यतीत करने के लिए, परिवार में, घर में सुख-शांति प्राप्त करने के लिए राम नाम एक सरल और अचूक औषधि है। जीवन में जितना ज्यादा राम नाम लिखते जाएं, कष्ट उतना ही कम होता जाएगा। भगवान राम का नाम स्वयं लिखना और दूसरों से लिखवाने के लिए प्रेरित करने वाले की प्रभु चोट-चपेट और दुर्घटना आदि से रक्षा करते हैं।
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Jyoti

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