15 अगस्त को PM मोदी 190 किमी लंबे अटेली से फुलेरा खंड का कर सकते हैं उद्घाटन

punjabkesari.in Monday, Aug 13, 2018 - 12:22 PM (IST)

नई दिल्लीः भारतीय रेलवे को उम्मीद है कि पूर्वी और पश्चिमी समर्पित मालवाहक गलियारे (डीएफसी) का काम मार्च 2020 तक पूरा कर लिया जाएगा। हालांकि हकीकत में अभी इस परियोजना की 50 प्रतिशत भौतिक और 47 प्रतिशत वित्तीय प्रगति हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 अगस्त को पश्चिमी समर्पित मालवाहक गलियारे के अटेली फुलेरा खंड का उद्घाटन करने वाले हैं। इन दो स्टेशनों के बीच की दूरी 190 किलोमीटर है और यह स्टेशन हरियाणा (महेंद्रगढ़ जिले) और राजस्थान (जयपुर जिले) में हैं।

रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘भूमि अधिग्रहण का 98.7 प्रतिशत से ज्यादा का काम पूरा कर लिया गया है। हम उम्मीद करते हैं कि चालू वित्त वर्ष में 800 किलोमीटर काम और पूरा कर लिया जाएगा। शेष काम मार्च 2020 की अंतिम तिथि के पहले 2019-20 में पूरा हो जाएगा।’  

दिलचस्प है कि इस परियोजना की लागत मूल योजना से 189 प्रतिशत बढ़ गई है। 2008 में इस परियोजना पर 281.81 अरब रुपए लागत आने का अनुमान लगाया गया था, जो अब बढक़र 814.59 अरब रुपए हो गया है। इसमें जमीन की बढ़ी हुई लागत भी शामिल है। अधिकारी ने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग-2) के कार्यकाल के दौरान भूमि कानून में बदलाव होने की वजह से ऐसा हुआ है क्योंकि वह कानून लागू होने के बाद भूमि अधिग्रहण की लागत 80 अरब रुपए से बढक़र 160 अरब रुपए हो गई है। 

भारतीय समर्पित मालवाहक गलियारा निगम (डीएफसीसीआईएल) ने 510 अरब रुपए के ठेके पहले ही दे दिए हैं, जबकि सिर्फ करीब 30 अरब रुपए के सिगनलिंग के ठेके दिए जाने हैं। लागत के कुल अनुमान 384.64 अरब रुपए में से 47 प्रतिशत निवेश हो चुका है। समर्पित मालवाहक गलियारे की योजना, निर्माण, परिचालन और रख रखाव का काम देखने के लिए डीएफसीसीआईएल नाम की विशेष उद्देश्य कंपनी (एसपीवी) बनाई गई है। 

रेलवे को उम्मीद है कि शुरुआती दिनों में कम से कम 7 करोड़ टन माल ढुलाई हो सकेगी। इस खंड में 6 डीएफसी स्टेशन और दो जंक्शन अटेली और फुलेरा शामिल हैं।  डीएफसीसीआईएल इस मार्ग पर अधिकतम 100 किलोमीटर प्रति घंटे के रफ्तार से मालगाडिय़ां चलाएगी, जबकि इस समय अधिकतम रफ्तार 75 किलोमीटर प्रति घंटे है। इसी तरह से मालगाडिय़ों की औसत रफ्तार भी 30 किलोमीटर प्रति घंटे से बढक़र समर्पित मालवाहक गलियारों में 70 किलोमीटर प्रति घंटे हो जाएगी। 

पश्चिमी डीएफसी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र तथा पूर्वी डीएफसी पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल होकर गुजरेगा। इस ट्रैक के उपढांचे की डिजाइन 32.5 टन एक्सल लोड के मुताबिक तैयार की गई है और सुपर स्ट्रक्चर 25 टन एक्सल लोड के मुताबिक बनाया गया है। पश्चिमी गलियारे के लिए जापान इंटरनैशनल कॉर्पोरशन एजेंसी (जाइका) कर रही है, जबकि पूर्वी गलियारे के मुगलसराय से लुधियाना खंड का वित्तपोषण विश्व बैंक कर रहा है। 


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jyoti choudhary

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