Kundli Tv- सावन में इस तरीके से चढ़ाएं बेल पत्र, भरेगी खाली तिजोरी

punjabkesari.in Sunday, Aug 12, 2018 - 11:52 AM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा (देखें VIDEO)

PunjabKesariशिवपुराण के अनुसार भगवान शिव को खुश करने के लिए सोमवार का दिन सबसे उत्तम है। इस दिन कुछ खास उपाय करने से जीवन में आ रही बाधाओं को सदा के लिए शांत किया जा सकता है। जन्मकुंडली में जैसे भी दोष हों, शिव पूजा से उनका हल सदा के लिए हो जाता है। आईए जानें वो विशेष उपाय, जो सोमवार के दिन किए जा सकते हैं। भगवान शिव को बेल पत्र बहुत प्रिय हैं, ये तो सभी जानते हैं। तभी तो शिवलिंग पर बिल्व चढ़ाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। यदि उन्हें खास विधि से बिल्व अर्पित किया जाए तो शुभ परिणाम मिलते हैं। 11 ताजे बेल पत्र लें, उन्हें गंगा जल से साफ करके उन पर चंदन से ॐ नम: शिवाय लिखें। फिर भोले भंडारी पर अर्पित करें। इस उपाय से कुछ ही दिनों में भरने लगेगी आपकी खाली तिजोरी।

PunjabKesari
शिवलिंग पर चढ़ाए गए बिल्वपत्रों को कई दिनों तक धोकर पुन: भगवान शिव पर अर्पित किया जा सकता है।

PunjabKesari
अष्टमी, चतुर्दशी और अमावस्या, पूर्णिमा तिथ‍ियों को, सं‍क्रांति के समय और सोमवार को बिल्वपत्र न तोड़ें। एक दिन पूर्व तोड़े हुए बिल्व पत्र पूजा में उपयोग किए जाने चाहिए। 

PunjabKesari
रविवार अौर द्वादशी एक साथ होने पर बिल्वपत्र की विशेष पूजा करनी चाहिए। इस दिन पूजा करने से महापाप अौर दरिद्रता से मुक्ति मिलती है। 

PunjabKesari
शिवपुराण में बताया गया है कि घर पर बिल्व वृक्ष लगाना चाहिए। इससे घर के सभी सदस्यों को कई प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही पारिवारिक सदस्य यशस्वी होते हैं अौर समाज में मान-सम्मान की प्राप्ति होती है।

PunjabKesari
शास्त्रों के अनुसार जिस स्थान पर बिल्ववृक्ष होता है, वह जगह काशी की भांति पूजनीय व पवित्र होती है। ऐसे स्थान पर जाने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति है। 

PunjabKesari
बिल्ववृक्ष लगाते समय दिशा का भी ध्यान रखना चाहिए। बिल्ववृक्ष को घर के उत्तर-पश्चिम में लगाने से यश की प्राप्ति होती है। वहीं उत्तर-दक्षिण में बिल्ववृक्ष हो तो सुख-शांति में वृद्धि होती है अौर मध्य में हो तो जीवन मधुर बनता है। 


किसी भी दिन या तिथि को खरीदकर लाया हुआ बिल्वपत्र सदैव पूजा में शामिल किया जा सकता है।

जानें, क्यों निकाली जाती है कांवड़ यात्रा


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Niyati Bhandari

Recommended News

Related News