आस्ट्रेलिया में कम नहीं हो रहीं अडानी समूह की मुश्किलें

punjabkesari.in Saturday, Aug 11, 2018 - 05:26 AM (IST)

अडानी समूह की आस्ट्रेलियाई कोयला खदान एवं रेल परियोजना के संकट अभी टले नहीं हैं। आस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड प्रांत में कारमाइकल खदान के समीप भूस्वामियों ने अदालत में याचिका दायर की है, जिससे इस परियोजना का संकट गहरा गया है। हालांकि इस मामले में फैसला जल्द आने की उम्मीद है लेकिन समूह की पहली अंतर्राष्ट्रीय परियोजना की समस्या यहीं खत्म नहीं होती। साल 2010 में इस खदान के अधिग्रहण के बाद से अब तक कंपनी कोई खनन कार्य नहीं कर पाई है। 

कारमाइकल परियोजना के तहत नॉर्थ गैलिली बेसिन में तापीय कोयला खदान और खनन स्थल से लेकर ऐबट प्वाइंट बंदरगाह तक 388 किलोमीटर लंबी रेल लाइन परियोजना शामिल है। इस खदान को कम से कम 16 अरब डॉलर की लागत से विकसित किया जाना है। अडानी समूह अब तक खदान पर 1.1 अरब आस्ट्रेलियाई डॉलर, रेल लाइन पर 0.2 अरब आस्ट्रेलियाई डॉलर और 5 करोड़ टन क्षमता के बंदरगाह प्रतिष्ठान पर 1.8 अरब आस्ट्रेलियाई डॉलर का निवेश कर चुका है। 

पर्यावरण की फिक्र करने वाले समूहों एवं अन्य विरोधियों का कहना है कि वर्तमान सत्ताधारी पार्टी अडानी समूह को इस परियोजना के लिए नियामकीय एवं अन्य मंजूरियां हासिल करने में मदद कर रही है। अडानी समूह ने स्थानीय प्राधिकरणों के साथ भूमि अधिग्रहण समझौते पर हस्ताक्षर किए थे लेकिन मामला अब अदालत पहुंच चुका है। अडानी समूह का कहना है कि वह परियोजना के लिए अभी भी प्रतिबद्ध है और कानूनी मोर्चे पर पूरी तरह आश्वस्त है। अडानी समूह के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हमने इस परियोजना के लिए 112 मंजूरियां हासिल की हैं और अदालत में तमाम चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना करते हुए आज इस स्थिति तक पहुंचे हैं। हमने अदालत में बंदरगाह (इस परियोजना के तहत विकसित होने वाले) से संबंधित तीन चुनौतियों का भी सफलतापूर्वक सामना किया है।’’ 

वांगान एंड जागालिंगाऊ (डब्ल्यू.एंड जे.) क्षेत्र के पारम्परिक भूस्वामियों ने कारमाइकल खदान के लिए अपनी सहमति नहीं दी थी। साल 2012 से ही उनका दावा रहा है कि अडानी के साथ भूमि उपयोग समझौते को सामूहिक बैठक में चार बार खारिज किया जा चुका है। डब्ल्यू.एंड जे. नेटिव टाइटल के पांच सदस्यों ने अगस्त 2017 में उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। यदि अडानी की जीत होती है तो उसकी अगली समस्या वित्त व्यवस्था की होगी। एक विश्लेषक ने अपनी पहचान जाहिर न करने की शर्त पर कहा, ‘‘यदि यह 10 वर्ष की परियोजना है और मुझे नहींं लगता कि कंपनी सहित कोई भी इसे लेकर फिलहाल उत्साहित होगा।’’ सूत्रों ने बताया कि अडानी ग्रुप अपनी इस कोयला खदान परियोजना के वित्त पोषण के लिए अब तक कोई करार नहीं कर पाया है। अडानी ग्रुप आस्ट्रेलिया के कंट्री हैड एवं मुख्य कार्याधिकारी जयकुमार जनकराज ने पिछले साल कहा था कि कंपनी प्रमुख वैश्विक वित्त पोषण कंपनियों के साथ बातचीत कर रही थी। 

ऑस्ट्रेलिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘जापान के दो प्रमुख बैंक- निप्पोन लाइफ और दाइची लाइफ ने इस परियोजना के लिए रकम उपलब्ध कराने से इंकार कर दिया था। इससे पहले कंपनी ने दावा किया था कि उसे चीन से उधारी मिल जाएगी लेकिन चीन के चार प्रमुख फाइनांसरों ने इस परियोजना से जुडऩे में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई।’’ यद्यपि अडानी के प्रवक्ता का कहना है कि कम्पनी को क्वींसलैंड की सरकार द्वारा कोयला खदान के लिए भूमिगत पानी का इस्तेमाल करने के लाइसैंस दे दिए गए हैं, सूत्रों का दावा है कि वाॢषक 12 अरब लीटर की आवश्यकता को पूरा करने के लिए कम से कम 20 अरब डालर की जरूरत होगी। देश में न्यू साऊथ वेल्स क्षेत्र में सूखा पड़ा हुआ है जिस बारे विपक्षी दल कई बार आवाज उठा चुका है।-एस. जय तथा ए. पिल्लई


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Pardeep

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