ONGC को प्रवर्तक मानने का मसला: HPCL ने कहा, सांविधिक व्यवस्था पर चल रही है

punjabkesari.in Thursday, Aug 09, 2018 - 02:48 PM (IST)

नई दिल्लीः हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशल लि. (एचपीसीएल) ने नए बहुलांश शेयरधारक होने के नाते प्रवर्तक के रूप में ओएनजीसी को मान्यता देने के संदर्भ में कहा है कि वह सांविधिक व्यवस्था की अपनी समझ के आधार पर काम कर रही है। इसके साथ एचपीसीएल ने ओएनजीसी की मांग एक तरह से खारिज कर दी है।

एचपीसीएल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मुकेश कुमार सुराना ने कहा, ‘‘हम जो कुछ भी कह कर रहे हैं, हमने जो कुछ भी किया है और हम जो कुछ करेंगे, वह सांविधिक व्यवस्था की समझ, दिशानिर्देश तथा कंपनी कानून एवं सेबी दिशानिर्देश के अनुरूप है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उसके बाद कोई क्या विश्लेषण कर रहा है, यह स्थिति के बारे में उसकी समझ है। हमें उस पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है।’’ एचपीसीएल में बहुलांश हिस्सेदारी खरीदने के बाद ओएनजीसी की प्रवर्तक के रूप में मान्यता देने की मांग के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने यह बात कही। ओएनजीसी ने इस साल जनवरी में एचपीसीएल में सरकार की पूरी 51.11 प्रतिशत हिस्सेदारी 36,915 करोड़ रुपए में खरीदी। उसके बाद एचपीसीएल कंपनी की अनुषंगी इकाई बन गई।

ओएनजीसी ने एचपीसीएल प्रबंधन को पत्र लिखकर दी गई सूचना को दुरूस्त करने को लेकर कदम उठाने को कहा है ताकि कंपनी के वास्तविक प्रवर्तक का नाम प्रतिबिंबित हो। ओएनजीसी के अधिग्रहण के बाद एचपीसीएल ने शेयर बाजारों को शेयरधारिता के बारे में दो सूचनाएं दी। पहली सूचना 20 अप्रैल को और दूसरी 12 जुलाई को। सूत्रों के अनुसार ओएनजीसी को लगता है कि एचपीसीएल प्रबंधन सही तस्वीर प्रर्दिशत करने के लिए सुधारात्मक कदम उठाने को बाध्य है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के अनुसार जिस इकाई के पास नियंत्रणकारी हिस्सेदारी है, उसे बतौर प्रवर्तक सूचीबद्ध होना चाहिए, भले ही ही वह कंपनी का मूल प्रवर्तक हो या नहीं।      


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Supreet Kaur

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