MOVIE REVIEW: पिता और बेटी की खूबसूरत कहानी है 'फन्ने खां'

8/3/2018 11:45:14 AM

मुंबई: बॉलीवुड एक्टर अनिल कपूर और ऐश्वर्या राय की फिल्म 'फन्ने खां' आज सिनेमाघरों में दस्तक देगी। ऐश्वर्या इस फिल्म के जरिए काफी समय बाद इंडस्ट्री में कदम रख रही है। उम्मीदों, सपनों और रिश्तों के बीच बुनी गई है 'फन्ने खां' की कहानी। यह एक ऐसे पिता की कहानी है, जो अपनी बेटी को भारत का अगला सिंगिंग सेंसेशन बनाने और उसे एक बड़ा मंच देने के लिए किसी भी हद तक जाता है। 

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वह खुद मोहम्मद रफी तो नहीं बन पाता लेकिन अपनी बेटी को लता मंगेशकर बनाने के सपने जरूर देखता है। सुपरस्टार बनने का ख्वाब देखने वाला प्रशांत शर्मा (अनिल कपूर) जो कि अपने दोस्तों के बीच फन्ने खां के नाम से ज्यादा चर्चित है, अपने सपने को पूरा करने के लिए जी तोड़ मेहनत करता है। वह बॉलिवुड एक्टर शम्मी कपूर की पूजा तक करता नजर आता है और बस ऐसा लगता है कि जैसे वह सिर्फ सुपरस्टारडम के अपने सपने को पूरा करने के लिए ही जिंदा है। हालांकि, वह अपने इस ख्वाब को पूरा नहीं कर पाता और उसकी उम्मीदें अपनी नवजात बच्ची से बंध जाती हैं। यहां तक कि वह उसका नाम भी लता (पीहू सैंड) ही रखता है। लता बड़ी होती है और वह न केवल अच्छा गाती है बल्कि डांस भी अच्छा करती है। हालांकि, प्लस साइज़ होने की वजह से वह स्टेज पर लगातार बॉडी शेमिंग का शिकार भी होती है। 

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प्रशांत अपनी बेटी को स्टार बनाने के लिए सब-कुछ करता है और यहां तक कि अपने इस ख्वाब को पूरा करने के लिए जो उसपर जुनून सवार है उसके लिए अपनी ही बच्ची से फटकार भी सुनता है। उन्होंने मुंबई के एक मिडल क्लास व्यक्ति को लेकर बेहतरीन बैलंस बनाने की कोशिश की है जो कि अपने सपने और सच के बीच खूब मशक्कत करता है। उसकी वाइफ कविता (दिव्या दत्ता) भी उसके इस सपने को सच करने में हमेशा उसके साथ होती है। बतौर डेब्यू एक्टर पीहू ने अपने किरदार को काफी संवेदनशीलता के साथ जीया है, लेकिन जो चीज समझ से परे है वह है लगातार उसका उसके पापा से शिकायत। हॉट सिंगर बेबी सिंह के किरदार में ऐश्वर्या राय बच्चन काफी गॉर्जियस दिख रही हैं, लेकिन उनकी कहानी पर ज्यादा मेहनत नहीं ही की गई। टैलंटेड एक्टर राजकुमार राव प्रशांत का काफी अच्छा दोस्त है। राजकुमार के साथ उनकी केमिस्ट्री अस्वाभाविक नज़र आती है, जो कि कॉमिडी वाले सीन में छिप जाती है। 

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फिल्म की कहानी की राह सेकंड हाफ में थोड़ी भटकती हुई दिखने लगती है। जैसे कि बेबी सिंह की कोई रियल बैकस्टोरी नहीं है और उनकी लाइफ में केवल उनका एक मैनेजर है जो बस यही चाहता है कि एक रियलिटी शो में स्टेज पर वह (बेबी) वॉरड्रोब मैलफंक्शन का शिकार हो जाए। फिल्म का सेकंड हाफ काफी लंबा और कठिन नज़र आता है। 'अच्छे दिन' को छोड़कर म्यूज़िकल फिल्म 'फन्ने खां' का साउंड ट्रैक उतना शानदार नहीं बन पाया है। 

कुल मिलाकर 'फन्ने खां' सितारों से भरी एक म्यूज़िकल ड्रामा फिल्म है, जिसमें सितारे अपनी आवाज का जादू बिखेरते दिखते हैं। यह फिल्म दिखाती है कि कैसे कोई पैरंट्स अपने सपनों को अपने बच्चों के जरिए सच कर दिखाना चाहता है। इस फिल्म के शो स्टॉपर साफ तौर पर अनिल कपूर हैं, जिन्होंने अपने बेहतरीन अदाकारी का परिचय दिया है और जिसके लिए आपको 'फन्ने खां' एक बार जरूर देखनी चाहिए। 


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Konika


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