Kundli Tv- जानें, पंडित के सिर की चोटी का राज़

punjabkesari.in Sunday, Jul 29, 2018 - 10:20 AM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा (देखें VIDEO)

हिंदू धर्म में ब्राह्मण वर्ग के पुरुष हमेशा अपने सिर पर चोटी रखते हैं। उनकी चोटी को देखकर हर किसी के मन में ये सवाल तो आता ही होगा कि आखिर वो लोग अपने सिर पर चोटी क्यों रखते हैं और इसके पीछे क्या कारण हो सकता है।
PunjabKesari
पंडितों के सिर पर शिखा रखने के पीछे धार्मिक और वैज्ञानिक कारण छुपे हैं। आज के समय में लोग फैशन के तौर पर छोटी सी चोटी भी रख लेते हैं, किंतु इसका वास्तविक रूप यह नहीं होता है। वास्तव में शिखा का आकार गाय के पैर के खुर के बराबर होना चाहिए। 

वैज्ञानिक कारण- सिर में सहस्रार के स्थान पर चोटी रखी जाती है अर्थात सिर के सभी बालों को काटकर बीचो-बीच वाले स्थान के बाल को छोडा जाता है। इस स्थान के ठीक 2 से 3 इंच नीचे आत्मा का स्थान माना जाता है और भौतिक विज्ञान के अनुसार यह मस्तिष्क का केंद्र है। यह भी माना गया है कि चोटी रखना एक धार्मिकता का प्रतीक तो है ही साथ ही मस्तिष्क को भी संतुलन में रखता हैं। चोटी रखने से व्यक्ति की आंखों की रोशनी ठीक रहती है। शरीर के अंगों, बुद्धि और मन को नियंत्रित रखने का स्थान भी माना गया है। शिखा रखने से मनुष्य स्वस्थ, बलिष्ठ, तेजस्वी और दीर्घायु होता है।
PunjabKesari
आध्यमिक कारण- हिंदु ब्राह्मण जब छोटे बच्चों को दीक्षा देते हैं या संस्कारित करते हैं तो उनके सिर के बाकी के बाल उतरवाकर एक चुटिया छोड़ देते हैं। ब्राह्मण के बच्चे साधना से पहले अपनी चोटी को पकड़कर उसे घुमाते, मोड़ते और खींचते हैं। सिर की चोटी को बांधने से पहले वो उस बिंदु पर पर्याप्त जोर डालते हैं। वह रोज साधना से पहले शिखा को खींचकर कसकर बांधते थे। उनका मानना था कि ऐसा करने से साधना बेहतर होती थी और परमात्मा के प्रति गहरी भावना उतपन्न होती थी। कहा जाता है कि सिर पर चोटी रखकर आसानी से ताप को नियंत्रित किया जा सकता है। यही वजह है कि प्राचीन काल से ही सिर पर शिखा रखने का प्रचलन है।
PunjabKesari

इसे थोड़ा सा खाएं और Sunday पर दुखों से छुटकारा पाएं  (देखें VIDEO)


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Lata

Recommended News

Related News