रहस्यमयी घाटी: यहां पक्षी करते हैं आत्महत्या, कारण जानकर हो जाएंगे हैरान

punjabkesari.in Wednesday, Jun 27, 2018 - 10:58 AM (IST)

भारत में ऐसी कई जगहें है, जो अपनी रहस्यमयी किस्से कहानियों के लिए मशहूर है। आज हम आपको भारत की एक ऐसी ही जगह के बारे में बताने जा रहे हैं। भारत के असम राज्य की घाटी जटिंगा वैली में आपको ऐसा नजारा देखने को मिलेगी, जिसपर विश्वास करना मुश्किल हो जाएगा। दरअसल, यहां हजारों की संख्या में पक्षी सामूहिक तौर पर आत्महत्या करते हैं, जोकि काफी सालों से चल रहा है। आइए जानते हैं आखिर क्या है इस जगह का सच।

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जटिंगा वैली में पक्षी सामूहिक आत्महत्या ज्यादातर शाम 7 बजे से रात 10 बजे के बीच करते हैं। इस दौरान यहां आसमान में धुंध और हवा अचानक तेज हो जाती है। इसके बाद 40 से भी ज्यादा पक्षियों की प्रजातियां बदहवाास होकर जमीन पर गिरने लगते हैं। इस दौरान किसी भी टूरिस्ट या यहां के लोगों का इस जगह पर जाना मना है लेकिन आप बाद में पक्षियों को जमीन पर पड़े हुए देख सकते हैं।

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मानसून सीजन में तो पक्षियों के मरने की संख्या और भी बढ़ जाती है। यहां के लोगों और जनजाति का मानना है कि इस जगह पर बुरी आत्माओं का प्रकोप है। इसी कारण यहां के ज्यादातर लोग रात के समय यहां जाने से डरते हैं। सिर्फ मानसून ही नहीं बल्कि धुंध होने पर भी पक्षियों की आत्महत्या का सिलसिला बढ़ जाता है।

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वैज्ञानिकों का मानना है कि इस घाटी में चलने वाली तेज हवाओं के कारण पक्षियों  का संतुलन बिगड़ जाता है, जिससे वह पेड़ों से टकराकर घायल हो जाते हैं और मर जाते है। पक्षी शाम के समय अपने घरों को लौटने की कोशिश करते हैं। ऐसे में इस वक्त ये हादसा ज्यादा होता है।

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वहीं, मानसून में इनकी संख्या इसलिए बढ़ जाती है क्योंकि यह जगह गहरी घाटी में बसी है। इसके कारण तेज बारिश के दौरान पक्षी पूरी तरह गीले हो जाते हैं और फिर भी उड़ने की कोशिश करते हैं। ऐसे में उनकी उड़ने की क्षमता खत्म हो जाती है और वह पेड़ों से टकराकर मर जाते हैं। यहां बांस के बेहद घने और कटीले जंगल हैं, जिससे टकराकर पक्षियों की मौत होना लाजमी है। पक्ष‌ियों के सामूहिक आत्महत्या के कारण इस जगह को देखने के लिए लाखों टूरिस्ट आते हैं लेकिन यह दुनियाभर में रहस्य बना हुआ है।

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