मानसून सत्र के पहले दिन हंगामें के बाद सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित

6/25/2018 7:52:37 PM

भोपाल : मप्र विधासभा का मानसून सत्र पहले ही दिन हंगामेदार रहा। कांग्रेसी विधायक सदन में हंगामा करते रहे और अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी। अब मंगलवार को सदन की कार्यवाही सुचारू होगी। 

सदन ने अर्पित की दिवंगतों को श्रद्धांजलि
मध्यप्रदेश विधानसभा में आज दिवंगतों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके सम्मान में सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। इसके पहले सदन की कार्यवाही शुरु होते ही अध्यक्ष डॉ सीतासरन शर्मा ने हिमाचल प्रदेश की पूर्व राज्यपाल उर्मिला सिंह, पूर्व विधायक बालकवि बैरागी, दशरथ जैन, महाराज सिंह, राजेंद्र सिंह, हेमचंद यादव, डॉ निर्मल हीरावत, पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री एल पी शाही और पूर्व केंद्रीय उपमंत्री सिद्धप्पा न्यामागौड़ा के निधन का उल्लेख करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। 

11 हजार करोड़ का अनुपूरक बजट पेश 
वहीं विधानसभा में आज वित्त मंत्री जयंत मलैया ने वित्त वर्ष 2018-19 का प्रथम अनुपूरक बजट पेश किया। अनुपूरक बजट 11 हजार 190 करोड़ रुपए से अधिक का है। विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीतासरन शर्मा ने इस पर चर्चा के लिए 26 जून को दो घंटे का समय निर्धारित किया है। वित्त वर्ष 2018-19 के प्रथम अनुपूरक बजट में सबसे ज्यादा एक हजार 984 करोड़ 46 लाख 74 हजार 600 रुपए का प्रावधान स्कूल शिक्षा के लिए किया गया है। त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं को वित्तीय सहायता के लिए एक हजार 415 करोड़ और नगरीय विकास एवं आवास के लिए एक हजार 340 करोड़ रुपए की मांग रखी गई है। 

अविश्वास प्रस्ताव को लेकर सदन में आरोप-प्रत्यारोप 
मध्यप्रदेश विधानसभा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के सदस्यों के बीच अविश्वास प्रस्ताव को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला। ध्यानाकर्षण सूचनाओं पर चर्चा के बाद कांग्रेस के रामनिवास रावत ने अविश्वास प्रस्ताव का मुद्दा उठाया। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीतासरन शर्मा से कांग्रेस द्वारा पेश अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की अनुमति देने की मांग करते हुए कहा कि यदि उसे नहीं लेना है, तो निरस्त करने की बात कह दें। डॉ शर्मा ने कहा कि यह विषय कार्यसूची में नहीं है। इस पर वे विचार कर रहे हैं।इस दौरान भाजपा और कांग्रेस के कई सदस्यों ने अपनी बात रखी। 

मानसून सत्र के पहले दिन क्या रहा खास

  • कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा के बाहर जमकर नारेबाजी की है। भाजपा सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस ने कई मुददे खड़े किए हैं। सरकार मानसून सत्र में 8 हजार करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट पेश करने जा रही है।
     
  • नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह द्वारा विधानसभा को सौंपे गए अविश्वास प्रस्ताव में प्रमुख रूप से ई-टेंडरिंग घोटाले समेत प्रदेश में कुपोषण की भयावह स्थिति, महिलाओं पर बढ़ रहे अत्याचार, किसानों द्वारा लगातार की जा रही आत्महत्या, उद्यानिकी विभाग में हुए घोटाले, प्रदेश में महंगी बिजली खरीदी, नर्मदा सेवा यात्रा और प्याज घोटाले का जिक्र है। इसके साथ ही कर्ज में डूबे प्रदेश को भी अविश्वास प्रस्ताव में शामिल किया गया है।
     
  • सत्तारूढ़ दल ने विधानसभा में अनुपूरक बजट रखा, जिस पर मंगलवार को चर्चा होना प्रस्तावित है।
     
  • सत्र के लिए सचिवालय को 1376 प्रश्न, 236 ध्यानाकर्षण, 3 स्थगन, 17 अशासकीय संकल्प और 36 शून्यकाल की सूचनाओं के अलावा पंद्रह याचिकाएं प्राप्त हुईं थी।
     
  •  भाजपा विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी विधायकों को साफ कर दिया है कि कांग्रेस झूठे आरोप लगाती है। अविश्वास प्रस्ताव दिया है, उसका सदन में जमकर विरोध करना है। हर आरोप पर चुपचाप न बैठें, बीच-बीच में पुरजोर तरीके से टोका-टाकी करें। मुखर हो कर जवाब दें। 
     
  • विपक्ष के आरोपों को सुनना नहीं है। मुख्यमंत्री बैठक में देर से पहुंचे। इससे पहले भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व सीएम की जनआशीर्वाद यात्रा के प्रभारी प्रभात झा ने यात्रा के बारे में और संगठन महामंत्री सुहास भगत ने सोशल मीडिया को लेकर अपनी बात रखी।
     
  • नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि यह सत्र कम दिनों का है, हमने इसकी अवधि बढ़ाने की मांग की है। जितने भी दिन मिले हैं, उनमें जनहित के मुद्दों को विधानसभा में तथ्‍यों के साथ उठाना है। भाजपा सरकार ने कभी भी सत्र को पूरा नहीं होने दिया। वे व्यवधान पैदा करेंगे और हमे पूरे संयम के साथ अविश्वास प्रस्ताव, किसानों पर हुई गोलीकांड की जांच रिपोर्ट और अन्य मुद्दों पर सरकार को दम खम से घेरने की तैयारी रखनी है।
     
  • बीजेपी के भिंड से विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाहा ने सदन में अपनी ही सरकार को घेरा। कुशवाहा ने कहा कि उनके इलाके में एक किलोमीटर की सड़क एक महीने में पूरी होनी थी, जो ढाई साल बीत जाने के बाद भी पूरी नही हुई। वे सदन में तीन बार उठा से मामला उठा चुके है, लेकिन अब तक कोई हल नही निकला। विधायक कुशवाहा ने सरकार से जिम्मेदार अधिकारियों को निलबिंत करने की मांग की। 
     
  • मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीतासरन शर्मा ने विधनासभा में सड़क निर्माण से जुड़े एक मुद्दे में मचे हंगामे के बीच विधायकों को सदन के अंदर की बातों को ​ट्वीट ना करने की चेतावनी देते हुए कहा कि इससे बाहर अच्छी छवि नहीं जाती।
     

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