PAK की नापाक हरकत, अनुमति मिलने के बाद भी भारतीय उच्चायुक्त को गुरुद्वारा जाने से रोका

punjabkesari.in Saturday, Jun 23, 2018 - 11:56 PM (IST)

इस्लामाबादः भारत ने पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया एवं अन्य अधिकारियों को गुरुद्वारा पंजा साहिब के दर्शन के लिए गए भारतीय सिख तीर्थयात्रियों से मिलने की इजाकात नहीं दिए जाने पर शनिवार को कड़ा विरोध जताया। नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के उप उच्चायुक्त को तलब करके कड़ा विरोध व्यक्त किया जबकि इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग ने भी पाकिस्तान विदेश मंत्रालय में विरोध दर्ज कराया। ये तीर्थयात्री गुरुद्वारा पंजा साहिब में दर्शनों के लिए गए हैं और पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने यात्रा की अनुमति दी है। 

भारत और पाकिस्तान के बीच डिप्लोमेट विवाद कोई नया नहीं है। इससे पहले अप्रैल में भारतीय उच्चायु्क्त को वैशाखी मनाने पाकिस्तान गए भारत सिख श्रद्धालुओं से मिलने से रोक दिया था। पाकिस्तान ने उस वक्त बिसारिया को गुरुद्वारे में प्रवेश करने से रोक दिया था। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान की इस हरकत पर कड़ी आपत्ति व्यक्त की थी।
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पहले भी हो चुका एेसा
आपको बता दें कि बिसारिया को इस साल अप्रैल में भी गुरुद्वारा पंजा साहिब जाने से रोका गया था। उस वक्त उन्हें इवैक्यू ट्रस्ट प्रॉपर्टी (ETPB) के चेयरमैन ने गुरुद्वारे आने का न्योता दिया था, लेकिन पाकिस्तानी अधिकारियों ने 'सुरक्षा चिंताओं' का हवाला देते हुए अजय बिसारिया को गुरुद्वारे में जाने से रोक दिया था। इतना ही नहीं इसी साल भारतीय दूतावास की एक टीम को भी यहां जाने नहीं दिया गया था। इस टीम को गुरुद्वारे में सिख तीर्थयात्रियों के एक जत्थे से मिलना था. बाद में इस घटना पर भारत सरकार ने विरोध दर्ज कराया था।

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यात्रा की आयोजक शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति ने इस घटना पर गहरी ङ्क्षचता व्यक्त की है और नाराकागी जतायी है कि तीर्थयात्रियों द्वारा पाकिस्तानी आयोजकों को भारतीय उच्चायुक्त और उच्चायोग के अधिकारियों के मुलाकात कराने के बार-बार के आग्रह के बावजूद ऐसा नहीं कराया गया।  भारत ने पाकिस्तानी पक्ष से कहा है कि उसने विएना संधि और 1974 के तीर्थयात्रा प्रोटोकॉल के तहत काउंसलर दायित्वों का उल्लंघन किया है। इसके अलावा पाकिस्तान के समर्थन से वहां मौजूद संगठनों द्वारा भारत में विघटनकारी गतिविधियों को समर्थन देने के मुद्दे को भी उठाया गया और उससे आग्रह किया गया कि पाकिस्तान की धरती से ऐसी कोई गतिविधि नहीं हो। 


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Isha

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