अनंतनाग में मारे गए आतंकियों के निशाने पर थी अमरनाथ यात्रा, देने वाले थे बड़ी वारदात को अंजाम

punjabkesari.in Saturday, Jun 23, 2018 - 09:28 AM (IST)

श्रीनगर: सुरक्षाबलों ने आज दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के एक सुदूरवर्ती पर्वतीय गांव में प्रतिबंधित संगठन इस्लामिक स्टेट जम्मू - कश्मीर (आईएसजेके) के सरगना सहित चार आतंकियों को मार गिराया। यह मुठभेड़ सालाना अमरनाथ यात्रा शुरू होने से छह दिन पहले हुई है।   ऐसी आशंका है कि यह आतंकी अमरनाथ पर हमला करने की तैयारी कर रहे थे। इसके लिए चार आतंकी को खिर्रम में रुकवाया गया था। इस गांव से होकर ही यात्रा का रास्ता जाता है। माना जाता है कि आईएसजेके पूरी दुनिया में ग्लोबल जिहाद के आईएस मॉडल को लागू करना चाहता है।
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आईएसजेके इस्लामिक स्टेट द्वारा बताए मॉडल को अपनाते हुए पूरे विश्व में उसके द्वारा तैयार किया गया जिहाद कायम करना चाहता है। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, 'ऐसा लगता है कि आईएस और जम्मू-कश्मीर के बीच कोई खास रिश्ता है। पिछले आतंकी हमलों के बाद आईएस नाम के लिए दावा किया जा रहा था और आईएसजेके ने आईएस को जम्मू-कश्मीर के युवाओं के बीच चर्चित करने की कोशिश की।' 
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पुलिस ने कहा कि आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच श्रीगुफवारा तहसील के खैरम गांव में हुई मुठभेड़ में एक पुलिसकर्मी और एक नागरिक की भी मौत हो गई। पुलिस ने कहा कि क्षेत्र में आतंकवादियों की उपस्थिति के बारे में खुफिया खबर मिलने के बाद मुख्य राष्ट्रीय राजमार्ग से 23 किलोमीटर दूर और पर्यटक स्थल पहलगाम के सामने स्थित खैरम में तड़के अभियान शुरू हुआ। पुलिस ने मारे गए एक आतंकवादी की पहचान दाऊद अहमद सोफी के रूप में की है। वह आईएसजेके का प्रमुख था और माना जाता है कि वह हत्या तथा पथराव के कई मामलों में लिप्त था।       अभियान की निगरानी करने वाले पुलिस महानिरीक्षक (कश्मीर) स्वयं प्रकाश पाणि ने कहा कि आईएसजेके के सदस्य माने जाने वाले तीन अन्य की पहचान आदिल रेहमान भट , मोहम्मद अशरफ इतू और माजिद मंजूर डार के रूप में हुई है। 
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पाणि ने कहा , ‘‘ अभियान सफल रहा और राज्य पुलिस , सेना और सीआरपीएफ की टीमों ने किसी अन्य क्षति को रोकने के लिए हरसंभव प्रयास किया। ’’ मुठभेड़ की जानकारी देते हुए पुलिस ने कहा कि सुरक्षाबलों के संयुक्त गश्तीदल जब उस घर की तरफ आगे बढा जहां आतंकवादी छिपे थे , तो जवानों पर गोलियां चलाई गईं जिसमें पुलिसकर्मी आशिक हुसैन और 53 साल के नागरिक मोहम्मद युसुफ राठर की मौत हो गई।       एक अधिकारी ने कहा कि इसके बाद हुई मुठभेड़ में चार आतंकवादी ढेर हो गये और दोनों तरफ की गोलीबारी में कुछ आम नागरिक घायल हो गए। सोफी के बारे में जानकारी देते हुए पुलिस ने कहा कि वह श्रीनगर के जैनाकूट क्षेत्र का निवासी था और उसकी उम्र 33 वर्ष थी। वह आतंकी संगठन आईएसजेके में शामिल होने से पहले क्षेत्र में पथराव के कई मामलों में शामिल रहा है।  
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अधिकारियों ने कहा कि माना जाता है कि वह जादीबल के आग अली मर्दान खान में सहायक उपनिरीक्षक गुलाम मोहम्मद और हेड कांस्टेबल नसीर अहमद की हत्या और मई 2016 में तेंगपुरा बटामालू में एक पुलिसकर्मी की हत्या तथा उसकी राइफल छीनने की घटना में शामिल था। उन्होंने कहा कि सोफी पहले प्रतिबंधित आतंकी संगठन तहरीक उल मुजाहिदीन से जुड़ा था। बाद में संगठन ने खुद को आईएसआईएस की विचारधारा से जोड़ लिया और अपना नाम आईएसजेके रख लिया। पुलवामा के तलंगम गांव का रहने वाला डार भी संगठन में शामिल हुआ था और वह अन्य आतंकियों के साथ सक्रिय था। 
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चार आतंकियों को मार गिराने को बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि सुरक्षा बलों ने 28 जून से शुरू हो रही दो महीने की अमरनाथ यात्रा से पहले आतंकी संगठनों के खिलाफ अभियान तेज किया है। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि जब युवकों के समूह ने बलों पर पथराव किया तो घटनास्थल के पास झड़प शुरू हो गई।  उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों पर बल का प्रयोग किया और कई लोग घायल हो गए। प्रशासन ने घाटी में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए एहतियात के तौर पर श्रीनगर , अनंतनाग और पुलवामा जिले में मोबाइल इंटरनेट सेवा निलंबित कर दी है।      


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Anil dev

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