वित्तीय संकट से जूझ रही हिमाचल सरकार फिर लेने जा रही 800 करोड़ का कर्ज

punjabkesari.in Friday, Jun 22, 2018 - 10:51 PM (IST)

शिमला: गंभीर वित्तीय संकट के दौर से गुजर रहे हिमाचल प्रदेश पर साल दर साल कर्ज का बोझ चढ़ता जा रहा है। प्रदेश सरकार की तरफ से 800 करोड़ रुपए कर्ज लेने के लिए आवेदन किए जाने के साथ ही अब प्रदेश पर कर्ज का आंकड़ा 50,000 करोड़ रुपए पार कर चुका है। इससे पहले सरकार ने बीते मई माह में 700 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था। इस तरह वर्तमान सरकार अब तक 3,800 करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है। यानी राज्य सरकार अब तक करीब 50,185 करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है। इससे पहले पूर्व कांग्रेस सरकार के समय प्रदेश पर 46,385 करोड़ रुपए का कर्ज था।


आय के नए विकल्प तलाशने में भी जुटी सरकार
वित्तीय संकट के बीच सरकार आय के नए विकल्प तलाशने में भी जुट गई है, जिसमें नई आबकारी नीति से वर्ष, 2018-19 के दौरान सरकारी खजाने को करीब 1552.88 करोड़ रुपए का राजस्व लाभ होने की संभावना जताई है, जो वर्ष 2017-18 से 271.33 करोड़ रुपए अधिक है। यानी इसमें 21.17 फीसदी की समुचित वृद्धि होने की संभावना है। कर्जों को बार-बार लिए जाने पर कांग्रेस पार्टी ने भी सरकार को आड़े हाथ लिया है। विपक्ष का आरोप है कि सरकार का वित्तीय प्रबंधन सही नहीं है, इस कारण आवश्यकता से अधिक कर्ज लिया जा रहा है।


ये है प्रदेश की मौजूदा स्थिति
कर्ज के बोझ तले दबी प्रदेश की अर्थव्यवस्था इतनी खराब है कि सरकार को आने वाले 7 सालों के दौरान 55 फीसदी कर्जों का भुगतान करना होगा, जो सुखद नहीं है। कर्ज की भारी भरकम राशि के भुगतान से अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ेगा। राज्य में बीते 5 सालों में प्रति व्यक्ति कर्ज का बोझ भी 50 फीसदी बढ़ गया है। यानी प्रति व्यक्ति कर्ज का बोझ 65,444 रुपए तक पहुंच गया है। राज्य सरकार को 3,096 करोड़ रुपए के ऋणों का भुगतान आगामी साल में करना है। ऋण राशि का 31 फीसदी यानी 10,008 करोड़ रुपए आगामी 1 से 5 सालों में चुकाने हैं जबकि 19,466 करोड़ रुपए के ऋण का भुगतान 5 साल में करना है।


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Vijay

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