पत्थरबाजाें के चंगुल से छूटे लाेगाें ने सुनाई आपबीती-नाैकरी के नाम पर कराते थे सेना पर पत्थरबाजी

punjabkesari.in Thursday, Jun 21, 2018 - 04:16 PM (IST)

मेरठ(आदिल रहमान)-कश्मीर में आतंक का पर्याय बन पत्थरबाजों ने अब अपना जाल पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी बिछाना शुरू कर दिया है। यहां के युवाओं को नौकरी दिलाने के नाम से बुलाकर देश का दुश्मन बनाने की ट्रेनिंग दी जाती है। जिसका पूरा खुलासा पत्थरबाजों के चंगुल से बचकर आये युवकों ने किया है। जी हां नौकरी के लालच में कश्मीर गए कुछ युवकों ने बताया कि पुलवामा में उन्हें एक कपड़ा फैक्ट्री में बंधक बनाकर रखा गया था और वहां पर पत्थरबाजी की ट्रेनिंग दिलाई जाती थी। 

कश्मीरी वेशभूषा में उनसे सेना पर पत्थरबाजी कराया जाता था। पीड़िताें ने ये भी बताया कि वह आतंकवादियों को सेना के एनकाउंटर से बचाने के लिए पत्थरबाजी कराई जाती है ताकि सेना का ध्यान आतंकियों से भटका दिया जाए। वहीं एडीजी जॉन प्रशान्त कुमार ने पूरे मामले की जांच कराने की बात कही है।
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दरअसल कश्मीर से आये इन युवकों का कहना है कि बागपत आैर सहारनपुर के दर्जनों युवकों का एक समूह कश्मीर के पुलवामा के लस्तीपुरा में डिवाइन इंडस्ट्रियल फर्म में सिलाई की नाैकरी मिल गई थी लेकिन वहां पर इन्हें अपने ही देश का दुश्मन बनाने की ट्रेनिंग दी जाने लगी। कश्मीर में जब भी सेना के जवान किसी आतंकवादी का एनकाउंटर करते थे तो आतंकवादी गांव में घुस जाते हैं और किसी भी मकान में शरण ले लेते हैं। उसके बाद कश्मीरी सेना का ध्यान भटकाने के लिये उन पर पत्थरबाजी शुरू कर देते थे। 

नौकरी करने गये इन युवकोंं का कहना है कि 20 हजार रूपये प्रतिमाह सिलाई की नाैकरी तय की गई थी लेकिन कुछ दिन बाद उनसे सफाई और गाड़ी की धुलाई करवाई जाने लगी। साथ ही उन पर दबाव बनाया गया कि वह पत्थरबाजी करें अन्यथा परिणाम अच्छा नहीं होगा। उसके बाद उन्हें कपड़ा फैक्ट्री में ही बंधक बनाकर पत्थरबाजी की ट्रेनिंग दी जाने लगी। कई माह बाद पत्थरबाजों के चंगुल से छूटकर आए युवकाें ने अपनी आप बीती बताई है। 

बागपत जिले की बड़ौत तहसील के गुराना रोड निवासी पीड़ित मास्टर नसीम का कहना है कि वह परिवार समेत नौकरी करने कश्मीर गया था। लेकिन पत्थरबाजों के बीच फंस गया। खुद को फंसा देखकर हमने एक स्थानीय व्यक्ति से मदद मांगी। युवक ने कश्मीर से निकालने के लिए दस हजार रूपये मांगे। हमने अपने घर से 10 हजार रूपये मंगवाये और साथियों के साथ किसी तरह गांव पहुंचा । अब भी नसीम और उसके साथियों को कश्मीर से धमकी भरे फोन मिल रहे है। 

मामले की जांच शुरू करने के आदेश 
वहीं मामला संज्ञान में आते ही एडीजी ज़ोन प्रशांत कुमार ने मामले की जांच शुरू कर दोनों जिलों बागपत और सहारनपुर में टीमें गठित कर दी हैं। 


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Ajay kumar

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