भारत की घुड़की से डरा चीन,  त्रिपक्षीय सहयोग मुद्दे से बनाई दूरी

punjabkesari.in Thursday, Jun 21, 2018 - 09:48 AM (IST)

बीजिंगः  एक तरफ चीन आपसी विश्वास में सुधार की खातिर भारत एवं पाकिस्तान के बीच संवाद मजबूत करने की अहमियत पर जोर दे रहा है वहीं भारत की  एक घुडकी के  बाद शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के बैनर तले भारत , चीन एवं पाकिस्तान के बीच त्रिपक्षीय सहयोग कायम करने के अपने राजदूत के हालिया बयान से आज दूरी बना ली है।  
भारत में चीन के राजदूत लुओ झाओहुई ने सोमवार को एससीओ के तत्वावधान में भारत, चीन एवं पाकिस्तान के बीच त्रिपक्षीय सहयोग के विचार का समर्थन करते हुए कहा था कि इससे ‘‘भविष्य’’ में नई दिल्ली एवं इस्लामाबाद के बीच द्विपक्षीय मुद्दों को सुलझाने और शांति कायम रखने में मदद मिलेगी  जिस पर भारत की ओर से कड़ी आपत्ति जताई गई थी।  

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग से जब लुओ के बयान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि भारत एवं पाकिस्तान चीन के मित्र एवं पड़ोसी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम पाकिस्तान और भारत सहित अपने सभी पड़ोसियों के साथ संबंध बनाए रखना चाहते हैं ताकि इस क्षेत्र के बेहतर विकास एवं स्थिरता के लिए हमारा सहयोग मजबूत हो सके।’’  गेंग ने कहा, ‘‘हमें यह उम्मीद भी है कि भारत, पाकिस्तान अपने संवाद मजबूत कर सकते हैं ताकि उनके द्विपक्षीय संबंधों में आपसी विश्वास में सुधार हो।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या चीन लुओ की टिप्पणियों से दूरी बना रहा है, इस पर गेंग ने कहा, ‘‘मैंने जो कुछ कहा, वह चीनी पक्ष की आधिकारिक स्थिति है।’’ चीनी दूतावास द्वारा इसकी वेबसाइट पर डाली गई ट्रांसक्रिप्ट (लिखित सामग्री) से राजदूत की टिप्पणियां हटाने के बारे में पूछे गए सवाल का भी उन्होंने जवाब नहीं दिया। 

भारत में चीनी राजदूत लुओ ने यह भी कहा था कि भारत एवं चीन के बीच द्विपक्षीय संबंध डोकलाम जैसी एक और घटना का तनाव नहीं झेल सकते। उन्होंने विशेष प्रतिनिधियों की बैठक के जरिए सीमा मुद्दे पर ‘‘परस्पर स्वीकार्य समाधान’’ तलाशने की जरूरत पर भी जोर दिया था। लुओ ने कहा था कि ‘‘कुछ भारतीय मित्रों’’ ने एससीओ के बैनर तले भारत, चीन एवं पाकिस्तान के त्रिपक्षीय सहयोग के सुझाव दिए थे, जो ‘‘बहुत रचनात्मक विचार’’ है। यह दूसरी बार है जब चीन ने लुओ का समर्थन करने से अपने पांव पीछे खींच लिए। मई 2017 में लुओ ने नई दिल्ली में हुई एक बैठक में चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) का नाम बदलने का सुझाव दिया था ताकि भारत की चिंताओं पर ध्यान दिया जा सके। बाद में संभवत: पाकिस्तान के ऐतराज के बाद उनकी टिप्पणी को वेबसाइट पर डाली गई ट्रांसक्रिप्ट से हटा दिया गया था।

 


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Tanuja

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