हिमाचल में इन 3 बड़े प्रोजैक्टों का काम शुरू न होने से करोड़ों का नुक्सान

punjabkesari.in Thursday, Jun 21, 2018 - 09:39 AM (IST)

शिमला (देवेंद्र हेटा): हिमाचल में प्रस्तावित राष्ट्रीय महत्व के 3 बड़े पावर प्रोजैक्ट लंबे समय से अटके हुए हैं। किशाऊ पावर प्रोजैक्ट, जिस्पा पावर प्रोजैक्ट तथा रेणुका बांध में कई अड़चनों के कारण इन्हें बनाने में देरी हो रही है। इससे हिमाचल समेत दिल्ली, उत्तरांचल, राजस्थान व हरियाणा को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा है। हिमाचल को सबसे ज्यादा वित्तीय हानि हो रही है, क्योंकि रेणुका बांध से प्रदेश को 40 मैगावाट और जिस्पा व किशाऊ प्रोजैक्ट से 12 फीसदी मुफ्त बिजली मिलनी है। इस बिजली से हिमाचल को करोड़ों की कमाई होगी। इन पावर प्रोजैक्टों का निर्माण एच.पी. पावर कार्पोरेशन द्वारा करना है।


पूर्व मनमोहन सरकार ने साल 2010 में रेणुका तथा किशाऊ पावर प्रोजैक्टों को राष्ट्रीय प्रोजैक्ट घोषित किया था, लेकिन 8 सालों में इनकी औपचारिकताएं ही पूरी नहीं हो पाईं। 40 मैगावाट के रेणुका बांध प्रोजैक्ट का काम शुरू न होने का सबसे बुरा असर देश की राजधानी दिल्ली पर पड़ रहा है। इस प्रोजैक्ट से दिल्ली को हर रोज 1000 मिलियन लीटर पानी नहीं मिल पा रहा है। दिल्ली के अलावा राजस्थान व हरियाणा को भी इससे पानी दिया जाना है। दिल्ली की सरकार ने पावर कंपोनैंट के एवज में हिमाचल को 230 करोड़ रुपए देने हैं, लेकिन दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार उपराज्यपाल और आई.ए.एस. के साथ जंग में उलझी हुई है। इस वजह से पावर कंपोनैंट को लेकर दिल्ली सरकार कोई फैसला नहीं ले पाई। वहीं भू-अधिग्रहण के लिए करीब 450 करोड़ रुपए दिल्ली सरकार पहले ही दे चुकी है।


रेणुका प्रोजैक्ट के लिए अधिगृहीत की जाने वाली भूमि पर 1.41 लाख पेड़ बताए जा रहे हैं। वन एवं पर्यावरण मंत्रालय इस भूमि पर प्रोजैक्ट निर्माण को पहले ही मंजूरी दे चुका है। प्रदेश सरकार ने भी पेड़ों की एन.पी.वी. के एवज में रकम के साथ प्रोजैक्ट के निर्माण में खर्च होने वाली राशि केंद्र व दिल्ली सरकार से मांगी है, लेकिन यह राशि भी अब तक हिमाचल को नहीं मिल पाई है। उधर, लाहौल-स्पीति में 260 मैगावाट के जिस्पा प्रोजैक्ट पर भी सरकार आगे नहीं बढ़ पाई है। स्थानीय ग्रामीणों की जे.बी.जे.एस.एस. समिति इस प्रोजैक्ट का विरोध कर रही है। इसी तरह 660 मैगावाट क्षमता के किशाऊ पावर प्रोजैक्ट का काम भी अधर में है, जबकि 10,500 करोड़ की लागत से बनने वाले किशाऊ पावर प्रोजैक्ट को लेकर उत्तरांचल व हिमाचल सरकार के मध्य 3 साल पहले एम.ओ.यू. हो चुका है। प्रोजैक्ट की लागत का 90 फीसद केंद्र तथा 10 फीसदी बजट उत्तरांचल व हिमाचल सरकार को खर्च करना है। 


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Ekta

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