अब स्कूलों में शिक्षकों का फीडबैक देंगे स्टूडैंट

punjabkesari.in Thursday, Jun 21, 2018 - 09:32 AM (IST)

चंडीगढ़(साजन) : सरकारी स्कूलों के खराब परीक्षा परिणाम के बाद यू.टी. प्रशासन इस सत्र से स्कूलों में शिक्षकों का फीडबैक पाने की योजना पर काम कर रहा है। इसमें स्टूडैंट शिक्षकों का फीडबैक देंगे ताकि यह पता चल सके कि शिक्षक कैसी पढ़ाई करवा रहे हैं। इसमें स्टूडैंट्स से फार्म पर फीडबैक लिया जाएगा।  

हालांकि चंडीगढ़ में यूनिवर्सिटी लैवल पर यह फीडबैक सिस्टम लागू है लेकिन स्कूलों में नहीं। असल में स्टूडैंट डर के चलते शिक्षकों का फीडबैक नहीं देते क्योंकि प्रैक्टिकल आदि के अंक शिक्षक के हाथ में होते हैं। खासतौर पर 10वीं और 12वीं में इंटरनल असैसमैंट मायने रखती है। इस फीडबैक सिस्टम में स्टूडैंट्स से पूछा जाएगा कि शिक्षक कैसा पढ़ा रहा है, उसने समय पर कोर्स पूरा कराया या नहीं? उसकी कक्षा में उपस्थिति कैसी है? 

इसके अलावा अगर उसे किसी दूसरे काम में लगाया गया है तो प्रिंसिपल भी फीडबैक दे सकेंगे कि शिक्षक इतने दिन काम में व्यस्त रहा, जिससे कक्षाएं प्रभावित रहीं और इससे सालाना नतीजों पर भी असर पड़ सकता है। इस फीडबैक सिस्टम में जो फार्म भरवाया जाएगा वो कान्फीडैंशियल होगा। 

शिक्षकों का कन्फर्मेशन इसी फीडबैक के हिसाब से होगा तय :
एजुकेशन सैक्रेटरी बी.एल. शर्मा के मुताबिक हाल ही में भर्ती शिक्षक उनका कन्फर्मेशन इसी फीडबैक के हिसाब से तय होगा। प्रिंसिपल भी शिक्षकों की परफोर्मेंस को लेकर अपने स्तर पर कार्रवाई करेंगे। 

सिर्फ प्रोबेशन वाले शिक्षकों पर ही शिकंजा नहीं कसेगा, बल्कि रैगुलर शिक्षकों की भी जवाबदेही तय होगी। मिडल लैवल के अधिकारी स्कूलों का औचक निरीक्षण भी करेंगे। शर्मा के मुताबिक यू.टी. के स्कूलों का इन्फ्रास्ट्रक्चर हिंदुस्तान के किसी भी शहर से सबसे बेहतरीन है लिहाजा रिजल्ट भी उसी स्तर का चाहिए। 
 


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