समर्थन वापसी से ही नहीं, भाजपा की इस ‘हरकत’ से भी हैरान रह गई थीं महबूबा

punjabkesari.in Wednesday, Jun 20, 2018 - 10:31 PM (IST)

 श्रीनगर: पीप़ल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, (पी.डी.पी.) के नेताओं का कहना है कि जम्मू एवं कश्मीर में सत्तासीन गठबंधन से समर्थन वापस ले लेने के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के फैसले ने मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को हैरान कर दिया था। महबूबा मुफ्ती अपने कार्यालय में थीं, जब उनके पास राज्यपाल एन.एन. वोहरा का फोन आया, और उन्हें भाजपा के समर्थन वापिस लेने की ख़बर दी गई, लेकिन तीन साल से भाजपा के साथ गठबंधन में सरकार चला रही पार्टी की ओर से उन्हें खबर नहीं दी गई। गवर्नर का फोन आने के बाद महबूबा मुफ्ती उनके आवास राजभवन जाकर उनसे मिलीं, और अपना इस्तीफाा उन्हें सौंप दिया। बताया जाता है कि इसके बाद महबूबा ने पार्टी की आपातकालीन बैठक बुलाई।


क्या भाजपा की ओर से समर्थन वापसी के फैसले के बारे में गवर्नर को पहले बताया गया था, महबूबा मुफ्ती को नहीं, तो अब तक राज्य के उपमुख्यमंत्री रहे कवींद्र गुप्ता ने कहा कि पहले फैसले लिए जाते हैं, और बाद में जनता को सूचना दी जाती है। हमने गवर्नर को सूचना दी थी, और जब तक संदेश उनके (महबूबा मुफ्ती के) पास पहुंचा, वह इस्तीफा दे चुकी थीं।  इससे पहले मंगलवार को ही कवींद्र गुप्ता ने बताया था कि राज्य सरकार में शामिल पार्टी के सभी मंत्रियों के त्यागपत्र मुख्यमंत्री को भेज दिए गए थे। 

उमर ने भी दिये थे संकेत
समर्थन वापसी का फैसला अचानक लिया गया, इसके संकेत पूर्व मुख्यमंत्री तथा नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने भी दिए, जब उन्होंने कहा कि उनके (महबूबा मुफ्ती के) पांव तले से गलीचा खींच लिया गया।  बाद में उमर अब्दुल्ला ने माइक्रो- ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर पर भी लिखा कि वह  (महबूबा मुफ्ती) रिबन काट रही थीं, जबकि भाजपा उन्हीं के नीचे उनके पांव काटने का काम कर रही थी। काश, वह अपना सिर उठाकर जा पातीं, ताकि उनका सम्मान बरकरार रहता। वह जम्मू एवं कश्मीर की मुख्यमंत्री थीं, भाजपा की नहीं। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उन्होंने महबूबा मुफ्ती को गठबंधन से बाहर आने का सुझाव दिया था, लेकिन उन्होंने उनकी बात नहीं सुनी।
 


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Monika Jamwal

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