200 आंगनबाड़ी केन्द्रों के संचालन पर लटकी तलवार

punjabkesari.in Wednesday, Jun 20, 2018 - 12:24 PM (IST)

सैंज: प्राइमरी स्कूलों के भवनों में चल रहे जिला के 200 से अधिक आंगनबाड़ी केन्द्रों के संचालन पर तलवार लटक गई है। कई वर्षों से जिला की सैंकड़ों प्राथमिक पाठशालाओं में संचालित किए जा रहे आंगनबाड़ी केन्द्रों की अनुमति पर शिक्षा विभाग ने रोक लगा दी है। इस तरह के जिला भर के प्राइमरी स्कूलों के मुख्याध्यापकों ने उपनिदेशक प्राथमिक शिक्षा के आदेशों का हवाला देते हुए स्कूल प्रबंधन समिति के माध्यम से वहां कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को निश्चित समय के भीतर स्कूल का कमरा खाली करने का प्रस्ताव थमा दिया है। हालांकि महिला एवं बाल विकास विभाग सरकारी स्कूलों में चल रहे आंगनबाड़ी केन्द्रों के कमरों को खाली करने को तैयार नहीं हैं, लेकिन उन केन्द्रों में तैनात आंगनबाड़ी कार्यकर्ता असमंजस में हैं। उन पर कमरा खाली करने के लिए शिक्षा विभाग का दवाब लगातार बढ़ रहा है तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के पास कोई विकल्प नहीं है। 


क्या कहते हैं अभिभावक 
कुल्लू जिला में कम बच्चों की संख्या के चलते सबसे अधिक प्राइमरी स्कूल मर्ज होने जा रहे हैं लेकिन फिर भी आंगनबाड़ी के लिए कमरे उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। शिक्षा विभाग का यह निर्णय जिला के हजारों नौनिहालों पर भारी पड़ सकता है अभिभावक भी परेशानी में हैं। अभिभावकों गुप्त राम, चित्र सिंह, गंगा सिंह, तेजा सिंह, बहादुर सिंह, बबलू, चेत राम व गोपाल कृष्ण का कहना है कि उन्हें भी आंगनबाड़ी कार्यकत्र्ता ने बताया है कि अब स्कूल में आंगनबाड़ी केंद्र नहीं चलेगा। उनका कहना है कि आंगनबाड़ी व प्राइमरी स्कूल एक साथ होने से बच्चों को प्राथमिक शिक्षा में आसानी रहती है लेकिन इस फैसले से उन्हें मजबूरन अपने बच्चों को निजी स्कूलों में भेजना पड़ेगा, जिससे उन पर आर्थिक बोझ भी पड़ेगा। 


शिक्षा विभाग इन आदेशों को मानने के लिए नहीं तैयार 
2010 में एलीमैंटरी शिक्षा निदेशक शिमला ने संयुक्त निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता हिमाचल प्रदेश को उन सभी प्राइमरों स्कूलों को जिनमें सरप्लस कमरे हैं, सूचीबद्ध कर आंगनबाड़ी केन्द्रों के संचालन की अनुमति प्रदान की थी। इससे पहले जिलाधीश कुल्लू ने भी 2005 में विधानसभा वैल्फेयर कमेटी के निर्णय अनुसार निजी भवनों में चल रहे आंगनबाड़ी केन्द्रों को नजदीकी सरकारी स्कूलों व अन्य सरकारी भवनों में शिफ्ट करने के आदेश शिक्षा उपनिदेशक तथा सभी विकास खंड अधिकारियों को दिए थे, जिसके चलते कई वर्षों से प्राइमरी स्कूलों, महिला मंडल व सामुदायिक भवनों में चल रहे हैं लेकिन कुल्लू जिला में शिक्षा विभाग सरकार के उन आदेशों को मानने को अब तैयार नहीं है। 


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Ekta

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