क्या खुंखार कुत्तों को सरकार ने लोगों को काटने का कोई लाइसेंस दे रखा है : प्रो. लाल

punjabkesari.in Tuesday, Jun 19, 2018 - 07:19 PM (IST)

अमृतसर(कमल): पंजाब के पूर्व डिप्टी स्पीकर प्रो. दरबारी लाल के निवास स्थान ग्रीन ऐवन्यू में बैठक का आयोजन किया गया। इस मौके प्रो. लाल ने कहा कि देश में खुंखार कुत्ते प्रतिदिन नौनिहालों को नोच-नोच कर जख्मी ही नहीं कर रहे बल्कि उन्हें बेहरमी से खा रहे हैं। छोटे बच्चों से लेकर बूढ़ों तक इन कुतों से असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

जहां कहीं भी छोटे बच्चों को कुत्ते देखते हैं, वह उन्हें घेर कर कांटना शुरू कर देते है और कोई गली-मोहल्ला ऐसा नहीं बचा। जहां झुंडों के झूंड कुते लोगों की परेशानी का सबब नहीं बने हुए है। परंतु ताजूब की बात यह है कि भारत की सर्वोच्च सत्ता संसद इनके खिलाफ पूरी तरह बेबस और लाचार बन कर रह गई है। 
कार्यपालिका कुंभकर्णी नींद सो रही है और न्यायपालिका जो तलाक, दहेज और छोटे छोटे राजनीति मामलों को लेकर सारी रात जाग कर फैसले करती है वह भी चुपचाप इसे देखती जा रही है। क्या इन खुंखार कुत्तों को सरकार ने लोगों को काटने का कोई लाइसेंस दे रखा है या इन्हें खास तरह के मौलिक अधिकार दिए गए हैं, जो किसी भी समय, किसी भी नागरिक को काट सकते हैं।

प्रो. लाल ने कहा कि ब्रिटिश हुकूमत ने 19वीं शताब्दी में हर वर्ष 50 हजार कुत्तों को मारने का फैसला किया था और यह जिम्मेदारी पंचायत स्तर से लेकर बड़े शहरों के अधिकारियों को प्रदान की गई थी। जिसके कारण कुत्तों की आबादी पर नियंत्रण था। परंतु 1947 के बाद देश में पहले 1960,1993 और आखिर 2001 में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समय कुत्तों, सूअरों और बंदरों को मारने पर पाबंदी लगा दी गई। जिसके कारण कुत्तों के काटने से प्रति वर्ष 20 हजार से अधिक नागरिक अपनी जान गवां चुके हैं।

देश की करीब-करीब हर संस्था ने अपने मुख्यमंत्रियों, प्रधानमंत्री और माननीय न्यायाधीशों को इस खतरे के बारे में विस्तारपूर्वक वर्णन किया है। प्रो. लाल ने कहा कि केवल दिल्ली में 2 लाख 60 हजार कुत्ते है। देश के कई प्रदेश जिनमें यूपी, बिहार, राजस्थान, बंगाल, मध्यप्रदेश, पंजाब, हरियाणा और कई अन्य प्रांत है जहां कुत्ते आतंकवादियों का रूप धारण किए हुए है।  इस अवसर पर डॉ. आरके कौशल, कर्णवीर वर्मा, भगत प्रलाद, जतिंदर बग्गा, जनकराज लाली, नवदीप मनन, शिवम बग्गा, निश्चल शर्मा आदि मौजूद थे।


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