पेनल्टी पर वार तकनीक को लेकर छिड़ा विवाद

punjabkesari.in Tuesday, Jun 19, 2018 - 06:22 PM (IST)

मॉस्कोः रूस में चल रहे फीफा विश्वकप में पहली बार शुरू किये गये वीडियो असिस्टेंट रेफरी (वार) तकनीक को लेकर लगातार सवाल उठाये जा रहे हैं और इंग्लैंड तथा ट्यूनीशिया के बीच खेले गये मुकाबले में ट्यूनीशियाई डिफेंडरों ने बॉक्स में इंग्लैंड के हैरी केन को रोकने के लिये जैसे कुश्ती लड़ डाली लेकिन उन्हें फाउल नहीं दिया गया।
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केन ने इस मुकाबले में ट्यूनीशिया के खिलाफ इंग्लैंड की 2-1 की जीत में दो गोल दागे। केन के इन दो गोलों के अलावा मैच में सबसे अधिक चर्चा केन को रोकने के लिये ट्यूनीशिया डिफेंडरों को रोकने का तरीका था जिसपर वार तकनीक के इस्तेमाल की नकार नहीं पड़ी। दरअसल पहले हाफ में फिरजानी सासी ने केन को पीछे से दोनों हाथों से कसकर पकड़ कर जमीन पर गिरा दिया था जब केन एक कार्नर पर शॉट लेने का प्रयास करने जा रहे थे।
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दूसरे हाफ में यासिन मेरिया ने भी केन को पेनल्टी क्षेत्र में इसी तरह पकड़कर गिराया लेकिन रेफरी ने इन दोनों मौकों पर ट्यूनीशिया डिफेंडरों को कोई फाउल नहीं दिया। हालांकि रेफरी विल्मार रोलदान की इस गलती को बॉक्स क्षेत्र के खिलाड़यिों से खचाखच भरे होने के कारण नकारअंदाज किया जा सकता है लेकिन स्टूडियो में मुकाबले को देख रहे वीडियो असिस्टेंट रेफरी इसे कैसे नकारअंदाज कर सकते हैं।
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यूरो 2016 फाइनल के रेफरी मार्क क्लेटेनबर्ग ने कहा,  इस मुकाबले से यह साबित हो गया कि रेफरी और वार टीम अपना काम कुशलता से नहीं कर पा रहे हैं। हालांकि रेफरी इस घटना को पूरी तरह नहीं देख पाते क्योंकि कार्नर लिये जाने के समय बाक्स में काफी हलचल हो रही थी लेकिन वार तकनीक इसी स्थिति के लिये बनायी गयी है और वहां बैठे रेफरी लगता है कि स्थिति पर पूरी नकार नहीं रखे हुये थे। इंग्लैंड को पेनल्टी मिलनी चाहिये थी जो नहीं मिली।
PunjabKesariक्लेटेनबर्ग ने साथ ही कहा, टूर्नामेंट में आगे के मैचों में फीफा को इस बारे में गंभीरता से ध्यान रखना होगा और यह देखना होगा कि वार तकनीक का इस्तेमाल कर रहे लोग अपने काम को सही तरीके से अंजाम दें। हमने अब तक कई अच्छे फैसले देखे हैं लेकिन कई फाउल नकारअंदाका हो रहे हैं।
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कार्नर लेते समय बॉक्स में खिलाड़यिों का एक दूसरे को दबोच लेना खेल में वैसे आम बात हो गयी है लेकिन इंग्लैंड के पूर्व फीफा रेफरी ग्राहम पोल का मानना है कि यह ऐसा क्षेत्र है जहां बार का सही इस्तेमाल किया जाता है।
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पोल ने कहा, फाउल पूरी तरह साफ था लेकिन मुझे हैरानी हुई कि मॉस्को में वार स्टूडियो में बैठे ब्राजील के रेफरी सांद्रो रिकी ने इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं किया जबकि यह उनका काम था।  पोल ने साथ ही कहाÞ रिकी की विफलता और भी हैरानी पैदा करती है क्योंकि उन्होंने शनिवार को क्रोएशिया-नाइजीरिया के मैच में मैदानी अंपायर के रूप में इसी तरह के फाउल के लिये पेनल्टी दी थी।
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इस बीच ब्राजीली फुटबाल परिसंघ ने फीफा से कहा है कि रविवार को स्विटजरलैंड के खिलाफ उसके 1-1 के ड्रा में स्विटजरलैंड के बराबरी वाले गोल पर वार तकनीक का इस्तेमाल क्यों नहीं किया गया था जबकि यह साफ था कि स्टीवन जुबेर ने हैडर से गोल करने से पहले डिफेंडर मिरांडा को कसकर धक्का दिया था।
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Yaspal

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