झज्जर की बेटी हिमांशी बनी महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ब्रांड एम्बेसडर

punjabkesari.in Tuesday, Jun 19, 2018 - 03:36 PM (IST)

बहादुरगढ़ (प्रवीण धनखड़): महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम की सफलता से आए बदलाव के लिए झज्जर की बेटी हिमांशी को अपना एंबेसडर चुना है। जिम्नास्टिक की राज्य स्तरीय खिलाड़ी हिमांशी का वीडियो मंत्रालय की ओर से सोशल मीडिया पर जारी किया गया है। झज्जर में लिंगानुपात सुधार तथा बेटियों के लिए बने सुरक्षित माहौल को हिमांशी एक बड़ा परिवर्तन बता रही है। झज्जर की बेटी को मिले राष्ट्रीय प्लेटफार्म को लेकर पूरा जिले में खुशी का माहौल है। डीसी सोनल गोयल बेहद उत्साहित है और हिमांशी को बधाई देने के साथ-साथ बेटियों के बढ़ते मनोबल को समाज में एक बड़े बदलाव का संकेत बताया है।
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राष्ट्रपति भी कर चुके हैं झज्जर की तारीफ
झज्जर जिले में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम की सफलता पिछले एक साल से सुर्खियां बटोर रही है। इसी वर्ष आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर झज्जर जिले में आए बदलाव की ध्वज वाहक एवं डीसी सोनल गोयल को राष्ट्रपति भवन में आयोजित नारी शक्ति पुरस्कार कार्यक्रम में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के लोकल चैंपियन को लीड करने का अवसर मिला। सोनल गोयल ने इस कार्यक्रम के दौरान झज्जर जिले की उपलब्धियों को समर्पित पुस्तिका म्हारी लाडो राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेंट की। म्हारी लाडो में दर्ज उपलब्धियों से राष्ट्रपति बेहद प्रभावित नजर आए और उन्होंने देश के अन्य जिलों में ऐसे प्रयास आरम्भ करने का सुझाव भी दिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आठ मार्च को ही महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा तैयार बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ को समर्पित पुस्तिका का विमोचन किया। इस पुस्तिका में भी झज्जर जिला की सफलता तीन पृष्ठों में दर्ज है जोकि राष्ट्रीय स्तर पर झज्जर जिले की बड़ी उपलब्धि है।

यह है वीडियो का मजमून
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के फेसबुक पेज पर जारी वीडियो मैसेज में हिमांशी अपना परिचय देने के उपरांत बता रही है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत करने के उपरांत मेरे जैसी हर बेटी अपने आप को सुरक्षित मानती है। जिस लिंगानुपात को लेकर झज्जर जिले की गिनती नीचले पायदान पर होती थी आज वहीं बेटियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का बड़ा अवसर मिल रहा है।

झज्जर जिले में ऐसे आया बेटियों के लिए बदलाव
डीसी सोनल गोयल ने बताया कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के आरम्भ होने के उपरांत झज्जर जिला में तेजी से परिवर्तन आया है। महिला एवं बाल विकास, विकास एवं पंचायत, स्वास्थ्य, पुलिस सहित प्रशासन की पूरी टीम ने एक समन्वय से काम किया। बेटियों के नाम पर पौधरोपण, घरों पर नेम प्लेट, बेटी के जन्म पर कुआं पूजन, टास्क फोर्स की सक्रिय भूमिका आदि कार्यों से वर्ष 2017 में झज्जर जिला का लिंगानुपात 920 रहा जोकि वर्तमान दशक में जिला का सर्वाधिक है साथ ही राज्य की औसत दर से भी अधिक है। 
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उमंग से लेकर जागृति तक बढ़ा महिलाओं का आत्मविश्वास 
डीसी ने बताया कि यूनिसेफ की ओर से जिला प्रशासन की मदद से सार्वजनिक स्थलों पर महिलाओं को सुरक्षित माहौल देने के लिए जागृति कार्यक्रम भी आरम्भ हुआ। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस प्रोजेक्ट को लांच किया। इससे पहले राज्य की महिला एवं बाल विकास मंत्री ने जिला प्रशासन की ओर से सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली छात्राओं को नि:शुल्क सेनेटरी नेपकिन वितरित करने के उमंग एक पहल कार्यक्रम की शुरुआत की। इस कार्यक्रम के लागू होने के उपरांत जिला के सरकारी स्कूलों में लड़कियों की उपस्थिति में भी बढ़ौतरी हुई है। इतना ही नहीं जिला प्रशासन के रात्रि प्रवास कार्यक्रम के दौरान लड़कियों व महिलाओं के लिए विशेष खेल प्रतियोगिता, राहगीरी के दौरान बेटियों के लिए एरोबिक व अन्य स्पर्धाओं का नियमित आयोजन कराया जा रहा है। 
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हिमांशी बोली- अब आया बदलाव, हम हैं सुरक्षित
वहीं, इस बारे के हिमांशी ने भी प्रधानमंत्री जी की इस मुहीम की जमकर तारीफ की। हिमांशी ने कहा कि सरकार की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ मुहीम की वजह से ही आज हम झज्जर की बेटियां अपने आपको सुरक्षित महसूस कर रही। हिमांशी ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा ब्रांड एम्बेसडर बनाए जाने पर धन्यवाद किया। 
 


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Nisha Bhardwaj

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