''डोकलाम जैसा  दूसरा तनाव नहीं झेल सकते भारत -चीन''

punjabkesari.in Tuesday, Jun 19, 2018 - 11:03 AM (IST)

नई दिल्लीः  डोकलाम  मुद्दे पर  तनावपूर्ण परिस्थितियां झेल चुके भारत व चीन के विशेष प्रतिनिधियों  ने एक बैठक में सीमा विवाद का ‘परस्पर स्वीकार्य हल’ तलाशे जाने की जरूरत पर भी बल दिया।  भारत में चीन के राजदूत ल्यू झाओहुई ने सोमवार को कहा कि भारत और चीन का द्विपक्षीय संबंध अब डोकलाम  जैसा कोई दूसरा तनाव नहीं झेल सकते।  ल्यू झाओहुई ‘बियांड वुहान: हाऊ फार एंड फास्ट कैन चाइना-इंडिया रिलेशन गो’ विषय पर यहां चीनी दूतावास में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। 

उन्होंने कहा कि ‘कुछ भारतीय मित्रों’ ने भारत, चीन और पाकिस्तान के बीच एक त्रिपक्षीय सम्मेलन का सुझाव दिया है जो बहुत उम्दा विचार है। यदि चीन, रूस और मंगोलिया के बीच त्रिपक्षीय सम्मेलन संभव है तो चीन, पाकिस्तान और भारत के बीच ऐसा क्यों नहीं सकता है। भारत और चीन के संबंधों पर चीनी राजदूत कहा कि सीमा विवाद को इतिहास पर छोड़ देना चाहिए। मतभेद स्वाभाविक है लेकिन इन्हें आपसी सहयोग बढ़ाकर नियंत्रित किया सकता है। हमें विशेष प्रतिनिधियों की बैठक के जरिए आपसी विश्वास बढ़ाने के उपायों को अपना कर परस्पर स्वीकार्य समाधान तलाशना चाहिए। हम एक और दोकलम खड़ा नहीं कर सकते।

उल्लेखनीय है कि पिछले साल जून से अगस्त तक भारत, भूटान और चीन सीमा के निकट डोकलाम स्थित तिमुहाने पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच 73 दिनों तक गतिरोध जारी रहा था। इस तनाव की वजह से नाथु-ला की ओर से कैलाश मानसरोवर यात्रा रोक दी गई थी। यही नहीं दोनों देशों के बीच होने वाला सालाना सैन्य अभ्यास भी टाल दिया गया था। ल्यू झाओहुई ने कहा कि चीन लगातार धार्मिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देगा। साथ ही तिब्बत में कैलाश मानसरोवर की यात्रा में भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए व्यवस्था करेगा। उन्होंने बताया कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस साल होने वाले ब्रिक्स और जी-20 सम्मेलनों से इतर मिलेंगे। 


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Tanuja

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