प्रधानमंत्री मोदी को मिले कैप्टन, पंजाब के लिए मांगा विशेष पैकज

punjabkesari.in Monday, Jun 18, 2018 - 08:54 PM (IST)

चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने धान तथा गेहूं की खरीद के लिए 31000 करोड़ रुपए के अनाज खाते के निपटारे के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से हस्तक्षेप की मांग की है। पिछली राज्य सरकार ने राज्य और केंद्र सरकार के बीच निपटाने की जगह गलत रूप में अपने ऊपर ले लिया था। मुख्यमंत्री ने यह मुद्दा आज श्री मोदी के साथ हुई बैठक के दौरान उठाया। 

उन्होंने कहा कि यह राशि वर्ष 2003-2004 से भारतीय खाद्य निगम (एफ.सी.आई.) के लिए राज्य एजेंसियों की ओर से की गई खरीद से संबंधित है जिसके खातों को निपटाया नहीं गया। कैप्टन सिंह ने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से वह यह मुद्दा उठाते आ रहे हैं। इस समय यह मुद्दा केंद्रीय वित्त मंत्रालय के पास लंबित है। राज्य पहले ही 324 करोड़ रुपए के सालाना ब्याज के भुगतान की देनदारी का सामना कर रहा है। कुल भुगतान 65000 करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा। यह बोझ राज्य के विकास कार्याें में रोड़ा बना हुआ है। मुख्यमंत्री ने मोदी से पंजाब के सरहदी इलाकों के विकास के लिए विशेष पैकेज की मांग दोहराई क्योंकि पंजाब से लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ लगते राज्य के इलाके विकास में पिछड़े हैं। 

उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्र विकास फंड का आबंटन संबंधी मापदंड पंजाब के हक में न होने की बात भी उठाई इन त्रुटियों को दूर करने का आग्रह किया। उन्होंने प्रधानमंत्री से अगले वर्ष नवंबर में गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश उत्सव को धूमधाम से मनाने के लिए वित्तीय सहायता का आग्रह किया। इस बारे में ज्ञापन पहले ही राज्य सरकार की ओर से प्रधानमंत्री को भेजा जा चुका है जिसमें 2145 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता की मांग की गई है। इसमें प्रथम गुरू की याद में कुछ समर्पित राष्ट्रीय प्रोजेक्टों की मांग की गई है।   

उन्होंने जलियांवाला बाग नरसंहार को 100वर्ष पूरे होने पर अगले साल 13 अप्रैल को अमृतसर में मनाए जाने और प्रधानमंत्री के जलियांवाला बाग ट्रस्ट के चेयरमैन होने के नाते इस स्मारक के आसपास सुविधायें मुहैया करवाने के लिए 100 करोड़ रुपए का अनुदान देने की अपील की। उन्होंने गंगा सफाई अभियान की तर्ज पर सतलुज और ब्यास नदियों की सफाई के लिए सहायता की मांग करते हुए कहा कि पंजाब के कुछ हिस्सों में भूजल खारा होने और पानी के गिरते स्तर के कारण राज्य में किसी को देने के लिए सरप्लस पानी तो दूर जल संकट का सामना कर रहा है।


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Vaneet

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